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Electoral Bonds: विपक्षी पार्टियों के लिए कुबेर बना था लॉटरी किंग, फ्यूचर गेमिंग ने दिया सबसे ज्यादा TMC और DMK को चंदा

सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने वैसे तो देश की तकरीबन हर प्रमुख राजनीतिक पार्टी को चंदा दिया है लेकिन विपक्षी दलों पर इसकी खास नजरें इनायत रही हैं। कोयंबटूर स्थित इस कंपनी ने सबसे ज्यादा 542 करोड़ की रकम तृणमूल कांग्रेस को दिया है। दूसरे स्थान पर द्रमुक है जिसे कंपनी ने 503 करोड़ रुपये दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Published: Fri, 22 Mar 2024 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2024 06:00 AM (IST)
विपक्षी पार्टियों के लिए कुबेर बना था लॉटरी किंग। फाइल फोटो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने वैसे तो देश की तकरीबन हर प्रमुख राजनीतिक पार्टी को चंदा दिया है, लेकिन विपक्षी दलों पर इसकी खास नजरें इनायत रही हैं। लंबे समय से विवादों में घिरी और जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे 'लाटरी किंग' सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने अप्रैल, 2019 से लेकर जनवरी, 2022 के बीच कुल 1,368 करोड़ रुपये विभिन्न राजनीतिक दलों को बॉन्ड के जरिये उपलब्ध कराए हैं।

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टीएमसी को दिया सबसे अधिक चंदा

 ताज्जुब की बात यह है कि कोयंबटूर स्थित इस कंपनी ने सबसे ज्यादा 542 करोड़ की रकम तृणमूल कांग्रेस को दिया है। दूसरे स्थान पर द्रमुक है, जिसे कंपनी ने 503 करोड़ रुपये दिए हैं। फ्यूचर गेमिंग ने देश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस को क्रमश: 100 करोड़ रुपये और 50 करोड़ रुपये ही दिए हैं। इसने सिक्किम की दो राजनीतिक पार्टियों सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रांट को भी चंदा दिया है।

चुनाव आयोग ने विवरण को किया था सार्वजनिक

ध्यान रहे कि सबसे ज्यादा विवाद इसे लेकर ही था और कहा जा रहा था कि ईडी की कार्रवाई रोकने के लिए भाजपा को इसने चंदा दिया। लेकिन, आंकड़ा कुछ और बता रहा है। चुनावी बॉन्ड को लेकर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सौंपे गए विवरण को चुनाव आयोग ने गुरुवार शाम को सार्वजनिक कर दिया। कई पन्नों मे सिमटे हुए इस ब्योरे की पड़ताल अभी होती रहेगी क्योंकि किस कंपनी ने किस पार्टी को बॉन्ड के जरिये चंदा दिया है, यह जानकारी एक जगह नहीं है।

दैनिक जागरण ने देर रात इसकी जांच पड़ताल से जो सूचनाएं बाहर निकाली हैं, उनसे साफ है कि लाटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी चुनावी चंदा देने में सबसे तत्पर दिखाई देती है। वर्ष 2019 से जनवरी, 2024 तक इस कंपनी ने एक-एक करोड़ के कभी दो सौ तो कभी पांच बॉन्ड खरीदे हैं और फिर इन्हें राजनीतिक दलों की तरफ से भुनाया गया है।

सीएजी ने कंपनी पर उठाया है सवाल

मार्टिन को देश का सबसे बड़ा लाटरी किंग कहा जाता रहा है। लॉटरी के कारोबार पर सीएजी की एक रिपोर्ट (वर्ष 2017) में इस कंपनी की गलत गतिविधियों को लेकर सवाल उठाया गया था। इस रिपोर्ट के बाद इस कंपनी ने बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों की जेब भरनी शुरू कर दी।

दूसरे स्थान पर है यह कंपनी

रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि चुनावी चंदा देने में दूसरे स्थान पर रहने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है। इस कंपनी ने कुल 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। इसमें सबसे ज्याद भाजपा को 544 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं। दूसरे स्थान पर तेलंगाना की पूर्व सत्ताधारी पार्टी भारत राष्ट्र समिति है, जिसे इसने 195 करोड़ रुपये दिए हैं। भाजपा के अलावा इसने मुख्य तौर पर दक्षिण के राजनीतिक दलों को ही धन मुहैया कराया है। वैसे इसने 10 करोड़ रुपये की राशि बिहार की पार्टी जदयू को भी दिया है। कांग्रेस को इसने लगभग 20 करोड़ दिया।

 क्विक सप्लाई जिसके बारे में पहले यह सूचना थी कि यह रिलायंस समूह से संबंधित है, ने 410 करोड़ रुपये का चंदा राजनीतिक दलों को दिया है। इसने भी सबसे ज्यादा भाजपा को 385 करोड़ रुपये की राशि दी है। सनद रहे कि रिलायंस समूह ने कहा है कि उसका इस कंपनी के साथ कोई संपर्क नहीं है। इसने भाजपा के अलावा 25 करोड़ रुपये की राशि शिवसेना को दी है और किसी भी राजनीतिक दल पर कंपनी की कृपा दृष्टि नहीं हुई है।

भाजपा को मिले हैं सबसे अधिक चुनावी बॉन्ड

भाजपा को सबसे ज्यादा 8633 चुनावी बॉन्ड हासिल हुए हैं और इसके जरिये पार्टी को 6060.51 करोड़ रुपये की राशि चंदा के तौर पर प्राप्त हुई है। दूसरे स्थान पर तृणमूल है, जिसे कुल 3305 बॉन्ड मिले हैं, जिनकी कुल कीमत 1609.53 करोड़ रुपये रही है। कांग्रेस को 3146 बॉन्ड के जरिये 1421.87 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। आम आदमी पार्टी को विभिन्न कंपनियों से 65 करोड़ चंदा मिला है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भाजपा को मुख्य रूप से बड़े औद्योगिक घरानों से चंदा मिला है। इनमें वेदांता, भारती एयरटेल, मुथूट, बजाज आटो, जिंदल समूह और टीवीएस मोटर शामिल हैं। वेदांता ने कांग्रेस, बीजद और तृणमूल को भी चंदा दिया है। भारती एयरटेल ने राजद, शिअद और कांग्रेस को भी चंदा दिया।

उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने भाजपा को जबकि बायकान प्रमुख किरण मजूमदार शा ने भाजपा, तृणमूल और कांग्रेस को चंदा दिया। रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने कांग्रेस, भाजपा, तृणमूल और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को चंदा दिया है।

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