रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को लेकर चुनाव आयोग नहीं हटेगा पीछे, विपक्षी दलों ने कहा- नहीं है इसकी जरूरत
रिमोट इलेक्ट्रानिक्स वोटिंग मशीन के औचित्य पर विपक्षी राजनीतिक दल भले ही सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग इस योजना के अमल पर पिछले कई महीनों से जिस शिद्दत और रिसर्च के साथ जुटा हुआ है उससे उसका पीछे हटना नामुमकिन है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरवीएम (रिमोट इलेक्ट्रानिक्स वोटिंग मशीन) के औचित्य पर विपक्षी राजनीतिक दल भले ही सवाल खड़े कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस योजना के अमल पर पिछले कई महीनों से जिस शिद्दत और रिसर्च के साथ जुटा हुआ है उससे उसका पीछे हटना नामुमकिन है। यह बात अलग है कि उसपर सवाल खड़ा कर रहे राजनीतिक दलों को समझाने में थोड़ा वक्त लगे। हालांकि वह इसके लिए भी अपनी पूरी तैयारी करके बैठा है।
राजनीतिक दलों से मिले सुझावों का इंतजार
फिलहाल उसे राजनीतिक दलों से लिखित में मिलने वाले सुझावों व सवालों का इंतजार है, जिसके बाद वह उनकी शंकाओं का जवाब देगा। संतुष्ट न होने पर उसके साथ अलग से बैठक भी करेगा। खास बात यह है कि घर से दूर रह रहे मतदाताओं को वोटिंग प्रक्रिया से जोड़ने की इस पहल पर आयोग को भी राजनीतिक दलों से शुरूआत में कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया मिलने की आशंका थी। यही वजह है कि वह उठने वाले सभी सवालों के लिए पहले से ही तैयार है। इस पूरी पहल को लेकर आयोग की गंभीरता इससे भी जाहिर होती है कि वह इस विषय पर राजनीतिक दलों सिर्फ मौखिक या कागजी बात करने के लिए नहीं आया है, बल्कि उसकी जब इसे लेकर पूरी तैयारी हो गई है, तब आगे आया।
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आरवीएम का प्रोटोटाइप भी तैयार
इस बीच आयोग ने आरवीएम का प्रोटोटाइप भी तैयार कर लिया। निश्चित ही राजनीतिक दलों के सामने इसे प्रस्तुत करने के पहले खुद इसकी परख की होगी। आयोग के मुताबिक वर्ष 2019 के आम चुनावों में 30 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया था। इसकी बड़ी वजह इन सभी का रोजगार के चलते अपने मूल स्थान से बाहर रहना था। इनमें से भी करीब 85 प्रतिशत अपने राज्य में ही दूसरी जगहों पर रह रहे थे। वैसे तो चुनाव आयोग ने मतदाताओं को इस बात की अधिकार दिया है कि वह जहां रह रहे हैं वहीं वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा लें, लेकिन मतदाता अपने मूल स्थान से न तो अपना नाम कटवाता है न ही वह नौकरी या कामधंधा छोड़कर वोट देने के लिए ही आता है। ऐसे में आयोग ने आरवीएम के जरिए उन्हें वोटिंग की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी में है। जिसके जरिए एक साथ 75 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है।
आयोग ने राजनीतिक दलों ने इन बिंदुओं पर मांगे से सुझाव
आयोग ने इस दौरान राजनीतिक दलों ने जिन बिंदुओं पर सुझाव मांगे है, उनमें प्रवासी मतदाता और रिमोट वोटिंग को परिभाषित करना, रिमोट वोटरों की गणना करना, ऐसे मतदान केंद्रों को तैयार करना, इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी से सभी को परिचित कराना आदि बिंदु शामिल है।
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