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    चुनाव आयोग ने देश भर में SIR कराने की तैयारियों को फिर जांचा, सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेश के CEO की बुलाई बैठक

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 10:00 PM (IST)

    चुनाव आयोग जल्द ही देश भर में मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करने वाला है। पहले चरण में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी जैसे राज्य शामिल होंगे, जहाँ 2026 में चुनाव होने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी राज्यों के सीईओ के साथ तैयारियों पर चर्चा की है। एसआईआर का पहला चरण मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

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    चुनाव आयोग ने देश भर में SIR कराने की तैयारियों को फिर जांचा (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) को देश भर में शुरू करने का ऐलान अब गुरुवार को दो दिनी सीईओ कांफ्रेंस के खत्म होने के बाद कभी भी हो सकता है। चुनाव आयोग ने जो संकेत दिए है, उनमें पहले चरण में करीब दर्जन भर राज्यों से इसकी शुरूआत हो सकती है।

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    इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी प्रमुखता से शामिल होंगे, क्योंकि इन राज्यों में अगले साल यानी 2026 के शुरूआत में ही विधानसभा के चुनाव है। आयोग इन राज्यों में भी बिहार की तर्ज पर एसआइआर के बाद चुनाव का ऐलान करेगा।

    SIR की तैयारियों को लेकर चर्चा शुरू

    एसआईआर की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (सीईओ) के साथ चर्चा शुरू की है, जो 23 अक्टूबर यानी गुरुवार दोपहर तक चलेगी। इस बीच जो संकेत मिले है, उसके तहत आयोग की इसके बाद एक अहम बैठक होगी। जिसके बाद इसका ऐलान हो सकता है।

    इस दौरान पहले चरण के एसआइआर को हर साल में मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके पूरा होने के बाद एसआइआर के अगले चरण की शुरूआत होगी। जिसमें पहले चरण में छूटे सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे। कांफ्रेंस में निर्वाचन आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधु और डा विवेक जोशी भी मौजूद थे।

    SIR को लेकर रोडमैप तैयार

    चुनाव आयोग ने दो दिनी सीईओ कांफ्रेंस की शुरूआत एसआइआर के दौरान अपनायी जाने वाली तकनीक को लेकर किए गए इंतजामों से की। साथ ही बताया कि उन्हें इस दौरान किसी तरीके से एसआइआर के दौरान आगे बढ़ना है, इसका पूरा रोड़मैप भी दिया गया, ताकि तय समयावधि में इसे पूरा किया जा सके। गौरतलब है कि देश के अधिकांश राज्यों में 2003-2004 के बाद से एसआइआर नहीं हुआ है।