'ऑनलाइन डिलीट नहीं किए जा सकते वोट', चुनाव आयोग का राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का खंडन किया है। आयोग ने कहा कि ऑनलाइन वोट डिलीट या जोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है। मतदाता सूची से नाम हटाने का अधिकार केवल ईआरओ के पास है जो जांच के बाद ही फैसला लेता है। आयोग ने कर्नाटक में हुई गड़बड़ी की एफआईआर दर्ज कराई थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से वोट चोरी को लेकर गुरुवार को लगाए गए आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया और कहा कि किसी के वोट को न तो आनलाइन डिलीट किया जा सकता है न ही जोड़ा जा सकता है।
आयोग ने कहा कि मतदाता सूची से किसी के नाम को हटाने व जोड़ने का अधिकार सिर्फ मतदाता पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) जो उपजिलाधिकारी स्तर का अधिकारी होता है उसके पास ही होता है। वह भी किसी का नाम हटाने के लिए मिलने वाले आवेदन की पहले जांच करता है। उसके बाद उसे नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए समय देता है। जिसके बाद ही वह कोई फैसला लेता है। ऐसे में राहुल गांधी का वोट डिलीट करने का आरोप गलत और आधारहीन है।
राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग ने और क्या कहा?
आयोग ने अपने जवाब में कहा है कि वह कर्नाटक के जिस अलांद निर्वाचन क्षेत्र से नाम हटाने की बात कर रहे है, दरअसल वहां 2023 के चुनाव से पहले किसी ने आयोग के सिस्टम को हैक करके छह हजार से अधिक नामों को डिलीट करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें अधिकांश आवेदन एक नाम से व एक मोबाइल नंबर से किए गए थे। आयोग ने संज्ञान में आने पर तुंरत ही इसे लेकर स्थानीय पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। राहुल गांधी की ओर से मतदाता सूची से नाम डिलीट करने के लिए इस्तेमाल किए गए जिन मोबाइल नंबर की जानकारी दी जा रही है, उसमें से अधिकांश को आयोग ने पुलिस को एफआईआर के दौरान और बाद में सीआईडी की मांग पर दिए गए थे।
आयोग ने साफ कहा कि जब उन्होंने खुद इस गड़बड़ी को लेकर एफआइआर कराई थी, जो फिर इसे लेकर कुछ छुपाने का सवाल ही नहीं है। सीआईडी के 18 पत्रों के दावे पर संदेह जताया और कहा कि इसकी जांच करा रहे है और कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ) से जानकारी मांगी है।
'कांग्रेस प्रत्याशी की हुई थी जीत'
आयोग ने एक्स के जरिए राहुल गांधी को दिए गए जवाब में कहा कि कर्नाटक में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में अलांद सीट से जहां भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी, वहीं 2023 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि किसे फायदा पहुंचाने के लिए नाम डिलीट कराए जा रहे थे।
चुनाव आयोग ने ऑनलाइन वोट डिलीट करने से जुड़े सवालों पर यह भी साफ किया कि मतदाता सूची से किसी के नाम का हटाने के लिए आनलाइन आवेदन तो किया जाता है लेकिन इसके आधार पर किसी नाम ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता है। इसकी एक मैनुअल प्रक्रिया है, जिसे ईआरओ ही करता है।
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