बेटे के साथ बांग्लादेश से भारत लौटी आठ महीने की गर्भवती महिला, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई है वापसी
आठ महीने की गर्भवती सुनाली बीबी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार की पहल से अपने आठ साल के बेटे के साथ शुक्रवार शाम बांग्लादेश से भारत लौट आई हैं। ...और पढ़ें

बांग्लादेशी होने के संदेह में गिरफ्तारी के बाद भेज दिया गया था पड़ोसी देश (फोटो-एएनआई)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आठ महीने की गर्भवती सुनाली बीबी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार की पहल से अपने आठ साल के बेटे के साथ शुक्रवार शाम बांग्लादेश से भारत लौट आई हैं।
उन्होंने बंगाल के मालदा जिले में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में प्रवेश किया। हालांकि, उनके पति समेत चार अन्य की अभी बांग्लादेश से वापसी नहीं हो पाई है। मालूम हो कि सुनाली अपने पति दानिश शेख व बेटे साबिर के साथ पिछले कई वर्षों से दिल्ली के रोहिणी इलाके में रह रही थीं और वहां कूड़ा बीनती थीं।
सुनाली के अलावा स्वीटी नामक महिला व उसके दो छोटे बच्चों को दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी होने के संदेह में गत 21 जून को गिरफ्तार किया था।
फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन आफिस ने 26 जून को उन सभी को बांग्लादेश भेजने का आदेश दिया था, जिसके बाद उसी दिन सभी को बांग्लादेश भेज दिया गया था। 21 अगस्त को बांग्लादेश की पुलिस ने अवैध तरीके से घुसपैठ के आरोप में सभी को गिरफ्तार कर लिया और तब से सुनाली बाकी लोगों के साथ जेल में थीं।
सुनाली के पिता भोदू शेख ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वे बंगाल के स्थायी निवासी हैं। उनकी बेटी गर्भवती है। उसे अविलंब भारत वापस नहीं लाए जाने पर जन्म लेने वाले बच्चे की नागरिकता सवालों के घेरे में आ सकती है।
हाई कोर्ट ने भोदू शेख की ओर से पेश किए गए दस्तावेज के आधार पर माना कि वे बंगाल के रहने वाले हैं। न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती व ऋतोब्रत कुमार मित्रा की खंडपीठ ने गत 26 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि इन लोगों को अवैध तरीके से बांग्लादेश भेजा गया है।
केंद्र सरकार अगले चार हफ्ते के अंदर उन्हें वापस भारत लाने की व्यवस्था की करे। केंद्र ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। उसके बाद केंद्र की ओर से बांग्लादेश के उप उच्चायोग से संपर्क कर उन्हें भारत लाने को पहल की गई। हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने फिलहाल सुनाली व उसके बेटे को ही मुक्त किया है।

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