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    'एजुकेट गर्ल्स' को मिलेगा रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, सम्मान पाने वाली होगी पहली भारतीय संस्था

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 08:30 AM (IST)

    भारतीय संस्था एजुकेट गर्ल्स को 2025 के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के लिए चुना गया है जो एशिया का प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह संस्था दूरदराज के गांवों में लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करती है सांस्कृतिक रूढ़िवादिता को दूर करने और निरक्षरता से मुक्ति दिलाने का प्रयास करती है। सफीना हुसैन के अनुसार यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है।

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    फाउंडेशन टू एजुकेट गर्ल्स की संस्थापक सफीना हुसैन (बाएं) और बोर्ड की सदस्य (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, मनीला: लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करने वाली भारतीय संस्था 'एजुकेट गर्ल्स' को वर्ष 2025 के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेताओं में शामिल किया गया है। एशिया का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय संस्था बनकर इसने इतिहास रच दिया है।

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    यह संस्था दूरदराज के गांवों में स्कूल न जाने वाली लड़कियों की शिक्षा के माध्यम से सांस्कृतिक रूढ़िवादिता को दूर करने का प्रयास करती है। साथ ही, उन्हें निरक्षरता के बंधन से मुक्त करने और अपनी पूर्ण मानवीय क्षमता प्राप्त करने के लिए कौशल, साहस और क्षमता प्रदान करने के उद्देश्य से भी काम करती है।

    'एजुकेट गर्ल्स' पहली भारतीय संस्था है, जिसे इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह संस्था लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करती है। दो अन्य विजेताओं में मालदीव की शाहिना अली और फिलीपींस के विलानुएवा को भी चुना गया है।

    भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण

    इस उपलब्धि पर 'एजुकेट गर्ल्स' की संस्थापक सफीना हुसैन कहती हैं, "यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। अगले दशक में एक करोड़ शिक्षार्थियों तक पहुंचने और इस योजना को भारत से परे ले जाने के लिए काम करते हुए हम उस सत्य को प्रसारित करते हैं कि जब एक लड़की शिक्षित होती है तो वह औरों को भी शिक्षित करती है जिससे परिवारों, पीढ़ियों और राष्ट्रों में बदलाव आता है।"

    मनीला में मिलेगा पुरस्कार

    रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया के लोगों की नि:स्वार्थ सेवा में दिखाई गई महान भावना को मान्यता देता है। अन्य दो विजेताओं में मालदीव की शाहिना अली को उनके पर्यावरण संबंधी कार्यों के लिए और फिलीपींस के फ्लेवियानो एंटोनियो एल. विलानुएवा को उनके योगदान के लिए चुना गया है।

    67वें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन सात नवंबर को मनीला के मेट्रोपालिटन थिएटर में किया जाएगा। राजस्थान से हुई थी शुरुआत 'एजुकेट गर्ल्स' की स्थापना 2007 में लंदन स्कूल आफ इकनामिक्स की स्नातक सफीना हुसैन द्वारा की गई थी, जो उस समय सैन फ्रांसिस्को में कार्यरत थीं। उन्होंने महिला निरक्षरता की चुनौती का सामना करने के लिए भारत लौटने का निर्णय लिया।

    राजस्थान से शुरुआत की

    जो लड़कियां कभी स्कूल नहीं गईं, उन्हें कक्षा तक ले आने और उच्च शिक्षा हासिल करने में सक्षम बनाने तक काम किया। शिक्षा हर लड़की का मौलिक अधिकार है। गायत्री संस्था की सीईओ गायत्री नायर लोबो ने कहा, "शिक्षा हर लड़की का मौलिक और अंतर्निहित अधिकार है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उस परिवर्तनकारी बदलाव को मान्यता देता है जो सामाजिक और व्यवस्थागत बाधाओं को दूर करने तथा सुलभ शिक्षा को बढ़ावा देता है।"

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