सरकार की सख्ती के बाद गिरने लगे खाद्य तेल के दाम, अभी 20 रुपये तक हुई गिरावट; आगे और गिर सकती हैं कीमतें
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा ने एक दिन पहले खाद्य तेल के प्रमुख संघों एवं कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर खाद्य तेलों के मूल्यों में अंतरराष्ट्रीय गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द देने का सुझाव दिया था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार की सख्ती के बाद खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आने लगी है। थोक के साथ खुदरा मंडियों एवं बाजारों में भी असर देखा जाने लगा है। सबसे ज्यादा गिरावट सरसों एवं रिफाइंड तेल में है। इनकी कीमतों में 15 से 20 रुपये प्रति लीटर की कमी आ गई है।
बता दें कि आगे कीमतों में और कटौती की संभावना है। ऐसे में उपभोक्ता सस्ती कीमत पर खाद्य तेलों की खरीद की उम्मीद कर सकते हैं। इससे महंगाई को भी कम करने में मदद मिलेगी।
''उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द दें लाभ''
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा ने एक दिन पहले खाद्य तेल के प्रमुख संघों एवं कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर खाद्य तेलों के मूल्यों में अंतरराष्ट्रीय गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द देने का सुझाव दिया था।
उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने आयातित खाद्य तेलों पर शुल्क कम कर दिया है और कीमतें भी लगातार कम हो रही हैं। पिछले दो महीने में विभिन्न खाद्य तेलों के वैश्विक मूल्य में दो सौ से ढाई सौ डालर प्रति टन की गिरावट आई है। यह उपभोक्ताओं के लिए सकारात्मक संकेत है। फिर भी खुदरा बाजारों में इसका असर नहीं दिख रहा।
केंद्र सरकार ने खाद्य तेल संघों को सलाह दी कि वे अपने सदस्यों से बात करें और सुनिश्चित करें कि वैश्विक कीमतों के अनुरूप ही खाद्य तेलों की एमआरपी भी तत्काल प्रभाव से कम कर दिए जाएं। कीमतों में कमी की सुविधा वितरकों को भी देने का सुझाव दिया गया, ताकि इसका असर उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
केंद्र ने उन कंपनियों को भी आगाह किया था, जिन्होंने अपनी कीमतें अभी तक कम नहीं की हैं और उनकी एमआरपी अन्य ब्रांडों की तुलना में अधिक है।
खाद्य सचिव के साथ बैठक में साल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईएआई) एवं इंडियन वेजिटेबल आयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को आश्वस्त किया था कि हफ्ते भर के भीतर भारत में भी असर दिखने लगेगा। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में खाद्य तेलों की कीमतों की निगरानी और समीक्षा करता है और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाता है।
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