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    OctaFX Ponzi Scam: पोंजी घोटाले का मास्टरमाइंड स्पेन में गिरफ्तार, ईडी ने जब्त कीं 2385 करोड़ की संपत्तियां

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 11:16 PM (IST)

    ईडी ने करोड़ों रुपये के ओक्टाएफएक्स पोंजी घोटाले मामले में मनीलांड्रिंग रोधी कानून के तहत 2,385 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। इस घोटाले के स्पेनिश मास्टरमाइंड पॉवेल प्रोजोरोव को स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने स्पेन में गिरफ्तार किया है। यह मामला "धोखाधड़ी" से संबंधित है, जिसमें कई निवेशकों को ओक्टाएफएक्स फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म के माध्यम से उच्च रिटर्न का झांसा देकर ठगी की गई थी।

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    ओक्टाएफएक्स पोंजी घोटाले का मास्टरमाइंड स्पेन में गिरफ्तार (सांकेतिक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने करोड़ों रुपये के ओक्टाएफएक्स पोंजी घोटाले मामले में मनी लांड्रिंग रोधी कानून के तहत 2,385 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। इस घोटाले के स्पेनिश मास्टरमाइंड पॉवेल प्रोजोरोव को स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने स्पेन में गिरफ्तार किया है।

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    यह मामला "धोखाधड़ी" से संबंधित है, जिसमें कई निवेशकों को ओक्टाएफएक्स फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म के माध्यम से उच्च रिटर्न का झांसा देकर ठगी की गई थी।

    ईडी ने शुक्रवार को बयान में कहा, अनधिकृत फारेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म ओक्टाएफएक्स के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में 2,385 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी को कुर्क करने के लिए मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रोविशनल आदेश जारी किया गया है। घोटाले के मास्टरमाइंड प्रोजोरोव को कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर अपराधों में उसकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

    ईडी की जांच में पता लगा कि मार्केटिंग गतिविधियों का संचालन ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह (बीवीआइ) की कंपनियों द्वारा किया गया, स्पेन स्थित कुछ कंपनियों और व्यक्तियों ने सर्वर और बैक-आफिस परिचालन को संभाला, एस्टोनिया स्थित कंपनियों ने भुगतान गेटवे का प्रबंधन किया, जार्जिया स्थित कंपनियों ने तकनीकी सहायता की और साइप्रस स्थित एक कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के लिए "होल्डिंग" कंपनी के रूप में कार्य किया।

    दुबई स्थित कुछ कंपनियों ने रूसी प्रमोटरों के माध्यम से भारतीय परिचालनों की "निगरानी" की और सिंगापुर में बैठे व्यक्तियों ने विदेशों में मनी लांड्रिंग के लिए फर्जी सेवाओं के निर्यात में मदद की।

    भारतीय निवेशकों को लगाया 1,875 करोड़ रुपये का चूना

    ओक्टाएफएक्स ने जुलाई 2022-अप्रैल 2023 के बीच भारतीय निवेशकों को 1,875 करोड़ रुपये का चूना लगाया। कंपनी ने 2019-2024 तक काम किया और अनुमान के अनुसार भारत से पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का कुल लाभ कमाया, जिसमें से अधिकांश धन को अवैध रूप से विदेश में स्थानांतरित किया गया।

    इस तरह की मनी लांड्रिंग

    ओक्टाएफएक्स ने यूपीआइ भुगतान मोड और स्थानीय बैंक हस्तांतरण के माध्यम से निवेशकों से धन जुटाया, जिसे फर्जी भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों के खातों के माध्यम से भेजा गया।

    फंड को साफ्टवेयर और अनुसंधान एवं विकास सेवाओं के "फर्जी" आयात की आड़ में स्पेन, एस्टोनिया, रूस, हांगकांग, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन में प्रोजोरोव द्वारा नियंत्रित कंपनियों को हस्तांतरित कर दिया गया। मनी लांड्रिंग के बाद फंड का एक हिस्सा बाद में एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के रूप में भारत में फिर लाया गया।

    अब तक प्रोजोरोव की 2,681 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

    मामले में अब तक ईडी ने प्रोजोरोव की 19 अचल संपत्तियों सहित कुल 2,681 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने कुल 55 कंपनियों के खिलाफ पीएमएलए अदालत में दो आरोपपत्र दायर किए हैं।