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    कर्नाटक में लोकसभा चुनावों में हुआ वाल्मीकि कारपोरेशन के धन का उपयोग, खरीदी गई शराब और वाहन; ईडी का बड़ा खुलासा

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 17 Jul 2024 11:40 PM (IST)

    ईडी ने बुधवार को आरोप लगाया कि दुरुपयोग की गई काफी धनराशि का उपयोग हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान शराब के अलावा कुछ महंगे वाहनों की खरीद में किया गया। इस मामले में कांग्रेस विधायक और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री बी नागेंद्र की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। ईडी ने इस 187 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में बी नागेंद्र की पत्नी से पूछताछ की।

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    कर्नाटक में लोकसभा चुनावों में हुआ वाल्मीकि कारपोरेशन के धन का उपयोग,

     पीटीआई, नई दिल्ली। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से धन के दुरुपयोग का मामला तूल पकड़ चुका है। इस मामले में ईडी ने बुधवार को आरोप लगाया कि दुरुपयोग की गई काफी धनराशि का उपयोग हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान शराब के अलावा कुछ महंगे वाहनों की खरीद में किया गया। इस मामले में कांग्रेस विधायक और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री बी नागेंद्र की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

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    इस बीच ईडी ने इस 187 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में बी नागेंद्र की पत्नी से पूछताछ की। पूर्व आदिवासी कल्याण एवं खेल मंत्री नागेंद्र को ईडी ने विगत सप्ताह गिरफ्तार किया था। ईडी द्वारा उनके और बेंगलुरु में रायचूर ग्रामीण सीट से कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल के खिलाफ छापेमारी के बाद यह गिरफ्तारी की गई थी। पूर्व मंत्री फिलहाल 18 जुलाई तक ईडी की हिरासत में हैं।

    90 करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 18 फर्जी खातों में भेजे गए

    ईडी ने दावा किया है कि जांच में पाया गया है कि वाल्मीकि निगम से लगभग 90 करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 18 फर्जी खातों में भेजे गए। इसके बाद इस धनराशि को फर्जी और मुखौटा खातों के माध्यम से आरोपितों के बीच नकदी और सोना के तौर पर वितरित किया गया।

    नागेन्द्र और दद्दाल (निगम के अध्यक्ष) के परिसरों की तलाशी के दौरान ईडी ने हाल के आम चुनावों के दौरान धन के हेरफेर से जुड़े कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। इसके अतिरिक्त बी. नागेंद्र से जुड़े सहयोगियों को भी धन के दुरुपयोग और नकदी प्रबंधन में संलिप्त पाया गया। यह घोटाला उस समय सामने आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी. 21 मई को मृत पाए गए। उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा था।

    अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया

    उन्होंने निगम से विभिन्न बैंक खातों में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया था। इसके बाद दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। बढ़ते दबाव के चलते मंत्री नागेंद्र ने 29 मई को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने एसआइटी गठित किया। इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।