'चोकसी प्रत्यर्पण प्रक्रिया का कर रहा विरोध, भारत नहीं लौटना चाहता', ईडी बोली- उसकी याचिका में कोई दम नहीं है
ईडी ने चोकसी की उस याचिका का विरोध करते हुए यह बात कही जिसमें उसने खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित करने की कार्यवाही खत्म करने की मांग की है। एफईओ घोषित किए जाने पर भारतीय एजेंसियां उसकी संपत्ति यहां तक कि अन्य देशों में मौजूद संपत्ति भी जब्त कर सकती हैं। ईडी ने दलील दी कि याचिका में कोई दम नहीं है और इसे खारिज कर देना चाहिए।

पीटीआई, मुंबई। ईडी ने गुरुवार को एक विशेष अदालत को बताया कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले का मुख्य आरोपित और भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का विरोध कर रहा है और वह भारत वापस नहीं आना चाहता है।
मेहुल ने खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का किया विरोध
ईडी ने चोकसी की उस याचिका का विरोध करते हुए यह बात कही, जिसमें उसने खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित करने की कार्यवाही खत्म करने की मांग की है। एफईओ घोषित किए जाने पर भारतीय एजेंसियां उसकी संपत्ति, यहां तक कि अन्य देशों में मौजूद संपत्ति भी जब्त कर सकती हैं।
ईडी ने दलील दी कि याचिका में कोई दम नहीं है और इसे खारिज कर देना चाहिए। एफईओ कार्यवाही तभी खत्म होती है, जब संबंधित व्यक्ति खुद पेश होता है। इसलिए इसे अभी खत्म नहीं किया जा सकता। यह एक विशेष कानून है, जिसमें खास प्रविधान हैं।
चोकसी पर बेल्जियम की अदालत में प्रत्यर्पण की कार्यवाही चल रही है। वह 2023 में एंटीगुआ और बारबुडा छोड़कर बेल्जियम चला गया था। मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में वांछित है।
चोकसी की अपराधी घोषित करने की याचिका खारिज करने की मांग
बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद चोकसी ने एक याचिका दायर कर ईडी द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की याचिका खारिज करने की मांग की। याचिका में कहा गया है कि वह भारत में लंबित मामलों में पहले से ही हिरासत में है, जिसके लिए भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम से प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था।
इसलिए अदालत को उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का आवेदन खारिज कर देना चाहिए। लेकिन, ईडी ने कहा कि उसे अभी तक भारतीय एजेंसियों को सौंपा नहीं गया है।
बेल्जियम की अदालत विरोध कर रहा है चोकसी
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि अगर वह चाहे तो भारत आ सकता है और एजेंसी इस बात पर विचार कर सकती है कि उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का आवेदन आगे नहीं बढ़ाया जाए।
एक तरफ वह बेल्जियम की अदालत में यह कहकर प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है कि उसे भारत नहीं भेजा जा सकता। दूसरी तरफ वह कह रहा है कि वह गिरफ्तार हो चुका है, इसलिए यह आवेदन बेकार हो जाता है।
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