जहरीला कफ सीरप बनाने वाली कंपनियों पर ED का एक्शन, कई स्थानों पर छापामारी
जहरीले कफ सिरप से 29 बच्चों की मौत के मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया और तमिलनाडु में सात स्थानों पर छापेमारी की। श्रीसन फार्मा और ड्रग कंट्रोल ऑफिस के ठिकानों पर छापे मारे गए। विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं। श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

ईडी ने तमिलनाडु में सात स्थानों पर छापा मारा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 29 बच्चों की जान लेने वाले जहरीले कफ सीरप मामले में मनी लांड्रिंग की जांच शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में दर्ज दो अलग-अलग एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस कर लिया है। इसके साथ ही सोमवार को ईडी ने तमिलनाडु में सात स्थानों पर छापा मारा।
जिन स्थानों पर छापा मारा गया वह कोल्ड्रिफ कफ सीरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के साथ-साथ ड्रग कंट्रोल ऑफिस व उसके अधिकारियों से भी जुड़े हैं। ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जहरीले कफ सीरप के मामले में मध्यप्रदेश में चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है और उसके मालिक को गिरफ्तार भी किया है। मामले की जांच में तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों की संलिप्पता के भी सबूत मिले हैं।
श्रीसन फार्मा का लाइसेंस भी रद
श्रीसन फार्मा का पिछले दो सालों से निरीक्षण ही नहीं किया गया था। इस मामले में जिम्मेदार ड्रग कंट्रोल विभाग के दो अधिकारियों को तमिलनाडु सरकार निलंबित कर चुकी है। इसके साथ ही केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के निर्देश के बाद तमिलनाडु में श्रीसन फार्मा का लाइसेंस भी रद कर दिया है। ईडी ने जिस दूसरे मामले को मनी लांड्रिंग की केस का आधार बनाया है, वह तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोल विभाग के कार्यकारी निदेशक पीयू कार्तिकेयन के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किये जाने का है।
तमिलनाडु के विजलेंस विभाग ने उसे गिरफ्तार किया था। तमिलनाडु की एफआईआर को मनी लांड्रिंग के केस से जोड़कर ईडी ने साफ संकेत दे दिया है कि वह राज्य के ड्रग कंट्रोल विभाग में मचे भ्रष्टाचार और इससे होने वाली कमाई व उसके बंदरबांट की भी जांच करेगी। सोमवार को मारे गए छापे में मिले दस्तावेजों की जांच की जा रही है और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
श्रीसन फार्मा के मालिक जी रंगनाथन की मध्यप्रदेश पुलिस की रिमांड पूरी होने के बाद ईडी अपने हिरासत में लेने के लिए अदालत के सामने याचिका दाखिल करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जी रंगनाथन की पूछताछ के बाद मनी लांड्रिंग की जांच में तेजी आ सकती है।
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