Move to Jagran APP

मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में 10 साल में 86 गुना बढ़ी ईडी की छापेमारी, BJP शासन के दौरान तलाशी और जब्ती अभियान में आई तेजी

केंद्र सरकार ने कहा है कि ईडी स्वतंत्र है इसकी जांच तथ्यों पर आधारित होती है और उसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार हासिल है। आंकड़ों से पता चलता है कि ईडी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान पीएमएलए के तहत 5155 मामले दर्ज किए हैं जबकि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान कुल 1797 एफआईआर दर्ज की गईं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Thu, 18 Apr 2024 06:29 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 06:29 AM (IST)
यह विश्लेषण पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत ईडी की कार्रवाई में तेजी की तस्वीर बयां करता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी की छापेमारी के मामलों में 2014 से पहले के नौ वर्षों की तुलना में पिछले 10 साल में 86 गुना वृद्धि हुई है। पिछली समान अवधि की तुलना में गिरफ्तारी और संपत्तियों की जब्ती भी लगभग 25 गुना बढ़ गई है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। जुलाई 2005 से मार्च 2014 तक के नौ वर्षों के मुकाबले अप्रैल 2014 से मार्च 2024 के 10 वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

loksabha election banner

यह विश्लेषण पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत ईडी की कार्रवाई में तेजी की तस्वीर बयां करता है। पीएमएलए को 2002 में लाया गया था और कर चोरी, काले धन की उत्पत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर अपराधों की जांच के लिए एक जुलाई 2005 से इसे लागू किया गया था। विपक्षी दलों का आरोप है कि पिछले दस सालों के दौरान ईडी की कार्रवाई भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ दमनकारी रणनीति का हिस्सा है।

वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि ईडी स्वतंत्र है, इसकी जांच तथ्यों पर आधारित होती है और उसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार हासिल है। आंकड़ों से पता चलता है कि ईडी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान पीएमएलए के तहत 5,155 मामले दर्ज किए जबकि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान कुल 1,797 एफआईआर दर्ज की गईं। इस तरह दोनों अवधि की तुलना करने पर पता चलता है कि मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार 2014 के वित्तीय वर्ष में पीएमएलए के तहत किसी को दोषी ठहराया गया और अब तक 63 लोगों को इस कानून के तहत दंडित किया गया है। ईडी ने 2014-2024 की अवधि के दौरान देशभर में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में 7,264 छापे मारे जबकि इससे पिछली अवधि में यह आंकड़ा केवल 84 था। इस तरह छापेमारी के मामलों में 86 गुना वृद्धि हुई।

आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले दस वर्षों के दौरान कुल 755 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,21,618 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई जबकि संप्रग काल में 29 गिरफ्तारियां हुईं और 5,086.43 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इस तरह गिरफ्तारियां 26 गुना ज्यादा बढ़ गई जबकि संपत्तियों की जब्ती से जुड़े आंकड़े में भी 24 गुना का उछाल आया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.