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    कर्नाटक में बेल्लारी के कांग्रेस सांसद और 3 विधायकों के खिलाफ ED की छापामारी, वाल्मीकि केस से जुड़ा है कनेक्शन

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 01:13 PM (IST)

    कर्नाटक वाल्मीकि घोटाले की जांच करते हुए कांग्रेस सांसद और तीन विधायकों के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई। आरोप है कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम के खातों से निकाले गए धन का इस्तेमाल चुनाव खर्च के लिए किया गया था। लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं को नकद बांटने के लिए पैसे का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है।

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    कांग्रेस सांसद और 3 विधायकों के खिलाफ ED की छापामारी

    पीटीआई, नई दिल्ली। ED ने कर्नाटक वाल्मीकि घोटाले की जांच करते हुए 3 कांग्रेस सांसद और विधायक के खिलाफ छापामारी की। ये छापामारी बेल्लारी के कांग्रेस सांसद ई तुकाराम और तीन विधायकों के ठिकानों पर की गई है। अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।

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    अधिकारी ने कहा, बेल्लारी में पांच और बेंगलुरु शहर में तीन परिसरों की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है।

    क्या था आरोप?

    इनमें तुकाराम और विधायक नारा भारत रेड्डी (बेल्लारी शहर), जे एन गणेश (काम्पली) और एन टी श्रीनिवास (कुडलिगी) के घर शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि तलाशी इस आरोप पर सबूत जुटाने के लिए की जा रही है कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) के खातों से निकाले गए धन का इस्तेमाल चुनाव खर्च के लिए किया गया था।

    2024 का है मामला

    ED के मुताबिक,2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान बेल्लारी सीट के मतदाताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नकद बांटने लिए पैसे का इस्तेमाल हुआ था ।

    साल 2024 का धन शोधन मामला कर्नाटक पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि करोड़ों रुपये की धनराशि केएमवीएसटीडीसी (KMVSTDC) से हटाकर फर्जी संस्थाओं के माध्यम से धन शोधन से पहले 'फर्जी खातों' में भेज दी गई थी।

    क्या था पूरा मामला?

    इस निगम की स्थापना 2006 में कर्नाटक में अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाकर उनके सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ की गई थी। अनियमितताएं तब सामने आईं जब वाल्मीकि निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी पिछले साल 21 मई को मृत पाए गए।

    उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें निगम से विभिन्न बैंक खातों में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व आदिवासी मामलों के मंत्री बी नागेंद्र और कथित तौर पर उनसे जुड़े पांच अन्य लोगों को ईडी ने गिरफ्तार किया था। नागेंद्र को बाद में जमानत मिल गई।