ईडी ने 3500 करोड़ रुपये के आंध्र शराब घोटाला मामले में कई राज्यों में छापे मारे, जगन का नाम आरोपित के रूप में नहीं
ईडी ने आंध्र प्रदेश में 3500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में गुरुवार को कई राज्यों में छापे मारे। यह कार्रवाई तेलंगाना आंध्र प्रदेश तमिलनाडु कर्नाटक और दिल्ली-एनसीआर में करीब 20 ठिकानों पर की गई। इसके साथ ही ईडी के अनुसार बढ़े हुए बिलों के जरिये कमीशन और अवैध भुगतान कराने का आरोप है।

पीटीआई, हैदराबाद। ईडी ने आंध्र प्रदेश में 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में गुरुवार को कई राज्यों में छापे मारे। यह कार्रवाई तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और दिल्ली-एनसीआर में करीब 20 ठिकानों पर की गई।
अवैध भुगतान कराने का आरोप
ईडी के अनुसार, जांच उन कंपनियों और व्यक्तियों पर केंद्रित है जिन पर फर्जी और बढ़े हुए बिलों के जरिये कमीशन और अवैध भुगतान कराने का आरोप है।
जिन ठिकानों पर छापेमारी हुई, उनमें एरेट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, श्री ज्वैलर्स एक्जिम्प, एनआर उद्योग एलएलपी, द इंडिया फ्रूट्स प्राइवेट लिमिटेड (चेन्नई), वेंकटेश्वर पैकेजिंग, सुवर्णा दुर्गा बाटल्स, राव साहेब बुरुगु महादेव ज्वैलर्स, उषोदय एंटरप्राइजेज और मोहन लाल ज्वैलर्स (चेन्नई) शामिल हैं।
पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन आरोपपत्र दायर किए
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई एसआइटी की शुरुआती जांच के बाद हुई है, जिसमें शेल कंपनियों, बेनामी फर्मों और हवाला नेटवर्क के जरिए धन के लेन-देन का पर्दाफाश हुआ था।
पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन आरोपपत्र दायर किए हैं और गिरफ्तार किए गए प्रमुख लोगों में वाईएसआरसीपी के लोकसभा सदस्यपीवी मिधुन रेड्डी भी शामिल हैं।
जगन का नाम आरोपित के रूप में नहीं लिया
पुलिस ने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी औसतन 50-60 करोड़ रुपये प्रति माह की रिश्वत पाने वालों में से एक थे। हालांकि, अभियोजन पक्ष की शिकायत में जगन का नाम आरोपित के रूप में नहीं लिया गया है।
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