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    ED ने PFI मामले में की कार्रवाई, कुर्क की 2.53 करोड़ रुपये की संपत्ति; कई विला भी हैं शामिल

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 03:52 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और अन्य मामले में 2.53 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी के अनुसार कुर्क की गई संपत्तियों में 338.03 वर्ग मीटर के चार बिना बिके विला भी शामिल हैं और मुन्नार विला विस्टा परियोजना से 6.75 एकड़ खाली भूमि भी शामिल की गई है।

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    ED ने PFI मामले में की कार्रवाई, कुर्क की 2.53 करोड़ रुपये की संपत्ति; कई विला भी हैं शामिल

    नई दिल्ली, एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और अन्य मामले में 2.53 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां जब्त की हैं।

    ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में 338.03 वर्ग मीटर के चार बिना बिके विला भी शामिल हैं और मुन्नार विला विस्टा परियोजना से 6.75 एकड़ खाली भूमि भी शामिल की गई है।

    ईडी ने 7 जनवरी को इन संपत्तियों के लिए प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया था, जिसकी बाद में 30 जून को एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पुष्टि की थी।

    जांच एजेंसी ने कहा कि उसने केरल के एर्नाकुलम में NIA मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के समक्ष NIA, कोच्चि द्वारा दायर एक FIR और आरोप पत्र के आधार पर एक PMLA जांच शुरू की थी।

    FIR और आरोप पत्र के अनुसार, PFI/SDPI (सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने की साजिश रची और कन्नूर जिले के नारथ में एक आतंकवादी शिविर का आयोजन किया।

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    इसके बाद, मामले में PMLA जांच में PFI और उससे संबंधित संस्थाओं के सदस्यों के खिलाफ FIR शामिल की गईं है।

    ED की जांच से पता चला कि PFI नेता और विदेशी संस्थाओं से जुड़े सदस्य केरल के मुन्नार में एक आवासीय परियोजना - मुन्नार विला विस्टा प्रोजेक्ट (एमवीवीपी) विकसित कर रहे थे, जिसका उद्देश्य विदेशों से और देश के भीतर एकत्र किए गए धन को वैध बनाना था।

    यह परियोजना मुन्नार विला विस्टा प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से विकसित की गई थी।

    एक अधिकारी ने कहा, ईडी की जांच में परियोजना में बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी डालने, शेयरधारकों के नाम पर एमवीवीपीएल शेयरों की नकद सदस्यता, बिना प्रतिफल के एमवीवीपीएल शेयरों का हस्तांतरण और बिना किसी आपूर्ति के अन्य कंपनियों को वस्तुओं या सेवाओं का फर्जी हस्तांतरण का खुलासा हुआ।

    एमवीवीपीएल और उसके प्रमुख व्यक्तियों की मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की ईडी जांच के परिणामस्वरूप, अपराध की कुल आय रु 21.9 करोड़ की पहचान की गई।

    6 मई को लखनऊ में पीएमएलए मामलों की विशेष अदालत के समक्ष एक अभियोजन शिकायत दायर की गई थी।

    मामले में कोर्ट ने आरोप भी तय कर दिए हैं और फिलहाल सुनवाई चल रही है।

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