बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी ने 14.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की
ईडी ने बताया, 'आयात के नाम पर भारत के बाहर धनराशि भेजने के मामले में इन संपत्तियों को जब्त किया गया।
By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 07:04 PM (IST)
style="text-align: justify;">नई दिल्ली, प्रेट्र। एसबीआइ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 804 करोड़ रुपये से अधिक का धोखाधड़ी करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजरात स्थित एक कंपनी की 14.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, उसने कंपनी की मुंबई के नरीमन प्वाइंट और अहमदाबाद में निकुंभ कांप्लेक्स स्थित दो अचल संपत्तियों की जब्ती के लिए मेसर्स एबीसी काट्स्पिन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक आशीष सुरेशभाई जोबनपुत्र व अन्य के खिलाफ आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। एबीसी काट्स्पिन की दोनों संपत्तियों की कीमत मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से 14.5 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी ने बताया, 'आयात के नाम पर भारत के बाहर धनराशि भेजने के मामले में इन संपत्तियों को जब्त किया गया।
कंपनी पर फर्जी आयात के नाम पर 79.49 करोड़ रुपये विदेश भेजने का आरोप है।' सीबीआइ द्वारा गुजरात की कंपनी एबीसी काटस्पिन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद ईडी ने इस मामले को अपने हाथ में लिया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में आरोप लगाया है कि मेसर्स एबीसी काटस्पिन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक ने अहमदाबाद स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा और राजकोट के गोंदल स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश कर दोनों बैंकों को 804.49 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। ईडी ने अपनी जांच में एबीसी काटस्पिन के निदेशक जोबनपुत्र को इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड करार दिया है। एजेंसी का आरोप है कि बैंक धोखाधड़ी को अंजाम देने के फौरन बाद जोबनपुत्र अपने परिवार के साथ भारत छोड़कर भाग गया। वर्तमान में वह अमेरिका में रह रहा है। जोबनपुत्र के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत भी जांच चल रही है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, उसने कंपनी की मुंबई के नरीमन प्वाइंट और अहमदाबाद में निकुंभ कांप्लेक्स स्थित दो अचल संपत्तियों की जब्ती के लिए मेसर्स एबीसी काट्स्पिन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक आशीष सुरेशभाई जोबनपुत्र व अन्य के खिलाफ आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। एबीसी काट्स्पिन की दोनों संपत्तियों की कीमत मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से 14.5 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी ने बताया, 'आयात के नाम पर भारत के बाहर धनराशि भेजने के मामले में इन संपत्तियों को जब्त किया गया।
कंपनी पर फर्जी आयात के नाम पर 79.49 करोड़ रुपये विदेश भेजने का आरोप है।' सीबीआइ द्वारा गुजरात की कंपनी एबीसी काटस्पिन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद ईडी ने इस मामले को अपने हाथ में लिया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में आरोप लगाया है कि मेसर्स एबीसी काटस्पिन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक ने अहमदाबाद स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा और राजकोट के गोंदल स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश कर दोनों बैंकों को 804.49 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। ईडी ने अपनी जांच में एबीसी काटस्पिन के निदेशक जोबनपुत्र को इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड करार दिया है। एजेंसी का आरोप है कि बैंक धोखाधड़ी को अंजाम देने के फौरन बाद जोबनपुत्र अपने परिवार के साथ भारत छोड़कर भाग गया। वर्तमान में वह अमेरिका में रह रहा है। जोबनपुत्र के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत भी जांच चल रही है।
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