सूरत में ED का बड़ा एक्शन, सौ करोड़ के साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजरात में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है। आरोपियों ने फर्जी नोटिस भेजकर लोगों को धमकाया और अपराध की आय को हवाला के माध्यम से लॉन्ड्रिंग किया। यह मामला सूरत पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है।

ईडी ने साइबर धोखाधड़ी में चार को गिरफ्तार किया। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईडी ने कई साइबर धोखाधड़ी मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत गुजरात में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला लोगों से सौ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी से संबंधित है।
ईडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सूरत उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के तहत मकबूल अब्दुल रहमान डाक्टर, काशिफ मकबूल डाक्टर, महेश मफतलाल देसाई और ओम राजेंद्र पांड्या को हिरासत में लिया है।
साइबर धोखाधड़ी में चार गिरफ्तार
आरोप है कि मकबूल डाक्टर, उसके बेटे काशिफ मकबूल डाक्टर और बासम मकबूल डाक्टर, देसाई, पांड्या और कुछ अन्य लोगों ने भोले-भाले लोगों के साथ साइबर धोखाधड़ी की। इन पर डिजिटल गिरफ्तारी करने , विदेशी मुद्रा व्यापार, ईडी और सुप्रीम कोर्ट के नाम पर फर्जी नोटिस भेजकर निर्दोष व्यक्तियों को धमकाने का आरोप है।
100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला
ईडी ने आरोप लगाया है कि आरोपितों ने अपने कर्मचारियों, सहयोगियों और कुछ अन्य लोगों के नाम पर बैंक खाते खोले ताकि अपराध की आय एकत्र की जा सके। एजेंसी ने कहा है कि इन बैंक खातों को संचालित करने के लिए आरोपितों ने पहले से सक्रिय सिम कार्ड प्राप्त किए और बाद में जांच से बचने के लिए हवाला आपरेटरों के माध्यम से नकदी भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग की। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला सूरत पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) द्वारा अक्टूबर 2024 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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