Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस साल तक भारत बन जाएगा महाशक्ति, दिग्गज अर्थशास्त्री ने जताया विश्वास; लेकिन रास्ते में आएंगे व्यवधान

    दिग्गज अर्थशास्त्री मार्टिन वुल्फ ने कहा कि भारत 2047 तक उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाएगा। मगर भविष्य में भारत को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। अर्थशास्त्री मार्टिन वुल्फ फाइनेंशियल टाइम्स के मुख्य टिप्पणीकार हैं। उन्हें उम्मीद है कि 2047 तक भारत सुपरपावर बन जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 05 Jul 2024 10:20 PM (IST)
    Hero Image
    2047 तक भारत उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाएगा। (सांकेतिक फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2047 तक भारत को उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं, लेकिन शायद यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सके। हालांकि तब तक देश उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाएगा। फाइनेंशियल टाइम्स के मुख्य टिप्पणीकार और अर्थशास्त्री मार्टिन वुल्फ ने भारत के 2047 तक एक महाशक्ति बन जाने पर भी विश्वास जताया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: मोदी सरकार और विपक्ष के बीच फिर होगा दिलचस्प मुकाबला, इन समितियों पर टिकीं I.N.D.I.A की निगाहें

    भारत को कड़ी मेहनत करनी होगी

    एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वुल्फ ने कहा कि भविष्य में आने वाले व्यवधान भारत के उत्थान को मुश्किल बना देंगे। ऐसे में उसे कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने पास मौजूद अवसरों का फायदा उठाने के लिए खुद को भी आकार देना होगा।

    पीएम मोदी ने दिया विकसित राष्ट्र का विजन

    प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था, ''मुझे पूरा विश्वास है कि 2047 में, जब देश स्वतंत्रता के 100 साल मना रहा होगा तब तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।"

    कैसे तय होता है विकसित देश का दर्जा?

    दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था वाला भारत वर्तमान में एक विकासशील राष्ट्र के तौर पर जाना जाता है। एक विकसित देश की पहचान आमतौर पर अपेक्षाकृत उच्च स्तर की आर्थिक वृद्धि, सामान्य जीवन स्तर, उच्च प्रति व्यक्ति आय के साथ-साथ मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) पर अच्छे प्रदर्शन से होती है। 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के समय भारत को 'तीसरी दुनिया' के देश के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

    यह भी पढ़ें: कैसे होंगे भारत के साथ ब्रिटेन की नई सरकार के रिश्ते, कहां होगा नफा तो कहां हो सकता नुकसान? जानें सबकुछ