इकोनमिक थिंक टैंक ने कहा- कमजोर वैश्विक मांग से मामूली रूप से प्रभावित हो सकती है भारत की अर्थव्यवस्था
जीटीआरआइ के को-फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा मार्च 2023 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं का आयात 710 अरब डालर को छू सकता है। यह 2021-22 के 613 अरब डालर की तुलना में करीब 15.8 प्रतिशत अधिक है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं का आयात करीब 16 प्रतिशत बढ़कर 710 अरब डालर पर पहुंचने का अनुमान है। इकोनमिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि कच्चा तेल, कोयला, हीरा, रसायन और इलेक्ट्रानिक्स के आयात में बढ़ोतरी इसकी प्रमुख वजह है।
भारत की अर्थव्यवस्था मामूली रूप से प्रभावित हो सकती: जीटीआरआइ
जीटीआरआइ ने कहा कि कमजोर वैश्विक मांग और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी से भारत की अर्थव्यवस्था मामूली रूप से प्रभावित हो सकती है। भारत के कुल वस्तु आयात में 82 प्रतिशत हिस्सेदारी छह उत्पाद श्रेणियों की है, जिनमें हैं पेट्रोलियम, कच्चा तेल, कोयला, कोक, हीरा, कीमती धातु, रसायन, दवा, रबड़, प्लास्टिक, इलेक्ट्रानिक्स और मशीनरी।
जीटीआरआइ के को-फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'मार्च 2023 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं का आयात 710 अरब डालर को छू सकता है। यह 2021-22 के 613 अरब डालर की तुलना में करीब 15.8 प्रतिशत अधिक है।' श्रीवास्तव ने कहा कि पेट्रोलियम आयात का अनुमानित मूल्य 210 अरब डॉलर होगा और इसमें कच्चा तेल तथा एलपीजी भी शामिल है।
बीते एक वर्ष में रूस से आयात 850 प्रतिशत बढ़ा
उन्होंने बताया, 'बीते वित्त वर्ष की तुलना में कच्ची सामग्री का आयात 53 प्रतिशत बढ़ गया। बीते एक वर्ष में रूस से आयात 850 प्रतिशत बढ़ गया।' वहीं 2022-23 में कोक और कोयले का आयात 51 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत कोकिंग कोल और थर्मल कोल दोनों का आयात करता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कोकिंग कोल का आयात चालू वित्त वर्ष में 20.4 अरब डॉलर के पार जा सकता है जो पिछले वर्ष की तुलना में 87 प्रतिशत अधिक होगा और थर्मल कोल 105 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 23.2 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। भारत का हीरा आयात 27.3 अरब डालर रहने का अनुमान है।