शिंदे गुट के नेता ने EVM से कनेक्ट किया था फोन? हैकिंग और OTP को लेकर चुनाव आयोग का आ गया जवाब
ECI press conference मस्क ने ईवीएम के हैक होने की बात कही थी जिसपर राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं के भी बयान सामने आए। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के शिवसेना नेता रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के ईवीएम और मोबाइल फोन संबंधित मामले में एफआईआर दर्ज होने पर भी निशाना साधा था। अब मामले में चुनाव आयोग की सफाई आई है।
एजेंसी, नई दिल्ली। ECI press conference ईवीएम को लेकर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बयान के बाद भारत में इसपर घमासान मच गया है। मस्क ने ईवीएम के हैक होने की बात कही थी, जिसपर राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं के भी बयान सामने आए।
राहुल ने महाराष्ट्र के शिवसेना नेता रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के खिलाफ महाराष्ट्र के गोरेगांव में मतगणना केंद्र के अंदर कथित तौर पर मोबाइल फोन ले जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज होने पर भी निशाना साधा था।
चुनाव आयोग ने दी सफाई
विपक्ष के आरोपों के बाद अब चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्प्रेंस कर सफाई दी है। आयोग ने कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी का उपयोग नहीं होता है। रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि ईवीएम कभी हैक नहीं होता है और न ही किसी डिवाइस से कनेक्ट हो सकता है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग जवाब
बता दें कि शिवसेना नेता पर वनराई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग के साथ एनकोर (पोल पोर्टल) ऑपरेटर रहे मतदान कर्मी दिनेश गौरव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। मुंबई की वनराई पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत मंगेश पंडिलकर और दिनेश गौरव को नोटिस भेजा है।
मामले में कांग्रेस ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था।
#WATCH | Mumbai Suburban Returning Officer, Vandana Suryavanshi says, "No OTP is needed to unlock the EVM. There is no mobile OTP needed to unlock the EVM as it is a non-programmable offence...It has advanced technical features and there is no communication device on the EVM...It… pic.twitter.com/EEB4Cn4AlT
— ANI (@ANI) June 16, 2024
ये गंभीर आरोप लगे
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार रविंद्र वायकर को लोकसभा चुनाव में दोबारा गिनती के बाद मात्र 48 वोटों से जीत मिली थी, जिसके बाद काफी विवाद हुआ।
आरोप है कि चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास वो मोबाइल फोन था, जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है। ये फोन वायकर के रिश्तेदार पांडिलकर इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस को इसी को लेकर शक है कि फोन को शाम 4 बजे के बाद तक इस्तेमाल किया गया। इस दौरान दोनों नेताओं में कड़ा मुकाबला चल रहा था।
मोबाइल फोन का होगा फोरेंसिक टेस्ट
पुलिस ने बताया कि डेटा रिकवर करने के लिए मोबाइल फोन को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) भेजा गया है और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए जा रहे हैं। वनराई पुलिस ने कहा, "हम नेस्को सेंटर के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच कर रहे हैं, जिससे हमें यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि मोबाइल फोन सेंटर के अंदर कैसे पहुंचा और यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस मामले में और भी आरोपी शामिल हैं या नहीं या यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह मोबाइल फोन किसने सप्लाई किया।
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