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    कोझिकोड स्टेशन से ई-बाइक रेंटल सेवा शुरू, 2026 से देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर होगी लागू

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 10:00 PM (IST)

    कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर ई-बाइक रेंटल सेवा की शुरुआत हो चुकी है। यह सेवा 2026 तक देश के सभी मुख्य रेलवे स्टेशनों पर शुरू करने की योजना है। इस पहल का उद ...और पढ़ें

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    देशभर के प्रमुख स्टेशनों पर ई-बाइक रेंटल सेवा।  

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे यात्रियों की अंतिम छोर तक पहुंच आसान बनाने के लिए देशभर के प्रमुख स्टेशनों पर ई-बाइक रेंटल सेवा शुरू करने जा रहा है। वर्ष 2026 तक इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा। इससे यात्रियों को स्टेशन से सीधे शहर के किसी भी इलाके तक जल्दी, सस्ते और बिना प्रदूषण वाले साधन से पहुंचने की सुविधा मिलेगी।

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    पहली सेवा केरल के कोझिकोड स्टेशन से गुरुवार को प्रारंभ की गई है। रेलवे द्वारा अधिकृत निवेदक को रेंटल लाइसेंस जारी किया गया है। ई-बाइक की सुरक्षा के लिए यात्रियों से मामूली रिफंडेबल डिपॉजिट रखा जाएगा।

    रेलवे बोर्ड के अनुसार कोझिकोड मॉडल सफल होने पर यह सुविधा पहले केरल समेत दक्षिण भारत के कुछ अन्य बड़े शहरों में लागू होगी। फिर 2026 तक देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर चरणबद्ध रूप से लागू की जाएगी। यह सेवा यात्रियों की जरूरत और सुविधा को देखकर तैयार की गई है। स्टेशन पर बढ़ती भीड़ और शहर तक पहुंचने में लगने वाले समय को कम करना इस सेवा का मुख्य उद्देश्य है।

    सेवा शुरू होने के बाद यात्री स्टेशन काउंटर या मोबाइल ऐप के जरिए कुछ ही मिनटों में आधार या मोबाइल नंबर से पंजीकरण कर सकेंगे। किराये का भुगतान भी आनलाइन होगा, जिसके बाद ई-बाइक तुरंत उपलब्ध करा दी जाएगी। सभी बाइक एक ट्रैकिंग प्रणाली से जुड़ी होंगी, ताकि सुरक्षा और निगरानी सुचारू रहे। यह सेवा चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी, जिससे खासकर देर रात आने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

    रेलवे इसे स्मार्ट स्टेशन और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी योजना से जोड़कर आगे बढ़ा रहा है, ताकि रेलवे स्टेशन आने-जाने की पूरी प्रक्रिया सुगम हो सके। इस व्यवस्था से मल्टी-स्टॉप यात्रा करने वाले यात्रियों, छात्रों, पर्यटकों एवं अस्पताल या बाजार जाने वालों को सबसे अधिक फायदा होगा। किराये की दरें भी सामान्य रखी गई हैं। ई-बाइक का किराया प्रति घंटे 50 रुपये रखा गया है। 12 घंटे के लिए यह पांच सौ रुपये और पूरे 24 घंटे के लिए 750 रुपये देना होगा।

    रेलवे का मानना है कि यह व्यवस्था न केवल यात्रियों के समय और पैसे की बचत करेगी, बल्कि शहरों में प्रदूषण कम करने में भी मददगार साबित होगी। देशभर में एक समान मॉडल लागू होने के बाद ई-बाइक रेंटल सेवा स्टेशन से शहर तक तेज, सुरक्षित और किफायती यात्रा का नया विकल्प बन जाएगी।