SC: जस्टिस चंद्रचूड़ के काल में दिखने लगी तेजी, एक महीने सात दिन में सुप्रीम कोर्ट ने निपटाए 6844 केस
पूर्वगामी CJI यूयू ललित ने भी मुकदमो के त्वरित निस्तारण के लिए कई कदम उठाए थे विशेषकर पुराने लंबित मुकदमो को निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तय व्यवस्था में बदलाव किया था और सुबह से लेकर भोजनावकाश तक SC की सभी अदालतें पुराने लंबित मुकदमे सुनती थीं।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सीजेआइ का पद संभालने के बाद से ही सुनवाई और निस्तारण में तेजी का संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि मुकदमो की सुनवाई में जमानत और स्थानांतरण याचिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और सुप्रीम कोर्ट की हर पीठ रोजाना 10 मामले जमानत के और 10 मामले स्थानांतरण के सुनेगी। असर दिखने लगा है। एक महीने सात दिन में सुप्रीम कोर्ट ने 6844 केस निबटाए हैं। रोचक तथ्य यह है कि इसी दौरान कुल 5898 नये केस दाखिल हुए हैं और निबटाए गए मामलों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में 13 पीठें रोजाना मुकदमो की सुनवाई के लिए बैठती हैं अगर प्रत्येक पीठ रोजाना 10 केस निबटाएगी तो एक दिन में 130 मुकदमे निबटेंगे।
निबटाने का मतलब होता है कि किसी केस की सुनवाई पूरी होकर उस पर आदेश दे दिया जाए और वह केस निस्तारित हो जाए। पूर्वगामी सीजेआइ यूयू ललित ने भी मुकदमो के त्वरित निस्तारण के लिए कई कदम उठाए थे विशेषकर पुराने लंबित मुकदमो को निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तय व्यवस्था में बदलाव किया था और सुबह से लेकर भोजनावकाश तक सुप्रीम कोर्ट की सभी अदालतें पुराने लंबित मुकदमे सुनती थीं।
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उनके 74 दिन के कार्यकाल में भी मुकदमो के निबटान की रफ्तार तेज रही थी।
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