'एक जैसा EPIC नंबर का मतलब डुप्लिकेट मतदाता नहीं', विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब
सीएम ममता बनर्जी द्वारा उठाए गए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मामले पर देश में राजनीति तेज है। इस बीच सीएम ममता के आरोपों पर चुनाव आयोग की ओर से स्थिति साफ की गई है। ईसी ने का कहना है कि EPIC से दोहराव का मतलब फर्जी या डुप्लिकेट मतदाता नहीं है। आयोग ने कहा कुछ राज्यों में इसे मैनुअल तरीके से आवंटित किए जाने से यह गड़बड़ी हुई है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे को गरमाने में जुटी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने सारी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि EPIC (इलेक्ट्रिक फोटो पहचान पत्र ) संख्या में दोहराव का मतलब फर्जी या डुप्लिकेट मतदाता नहीं है।
इनके ईपिक नंबर भले ही सामान है लेकिन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केंद्र जैसे दूसरे विवरण अलग-अलग ही है। ऐसे में मामले को गलत तरीके से पेश करना ठीक नहीं है। जल्द ही सभी को यूनिट ईपिक नंबर आवंटित किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने EPIC नंबर पर जानकारी
आयोग ने EPIC नंबर को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को लेकर रविवार को स्थिति स्पष्ट की और कहा कि कुछ राज्यों में एक जैसे ईपिक नंबर के अंकों को अपनाने से यह स्थिति पैदा हुई है। आयोग इसमें सुधार को लेकर तेजी से काम कर रहे है। जल्द ही सभी को यूनिट ईपिक संख्या आवंटित की जाएगी।
आयोग ने कहा कि ईपिक नंबर चाहे जो भी हो कोई भी मतदाता अपने राज्य के अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है, जहां से उसका नाम मतदाता सूची में जुड़ा है।
आयोग ने बताया क्यों हुई गड़बड़ी?
आयोग ने कहा कि कुछ राज्यों में इसे मैनुअल तरीके से आवंटित किए जाने से यह गड़बड़ी हुई है। पहले ईपिक नंबर के आवंटन की व्यवस्था मैनुअल ही थी। जो राज्य अपने हिसाब से तय करता था। ऐसे में कुछ राज्यों की ओर से इसे एक समान रखने से यह विसंगति पैदा हुई है। हालांकि इससे उनके भौगोलिक क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं होगा। आयोग ने इस बीच किसी भी आशंका को दूर करने के लिए जल्द ही सभी को यूनिक ईपिक नंबर आवंटिक किए जाने की जानकारी दी। और कहा कि इससे यह गड़बड़ी ठीक हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि आयोग को रविवार को इस मामले पर सफाई देने के तब आना पड़ा जब इसे गलत तरीके से इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा था। जिसमें ममता बनर्जी के वे आरोप भी थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरे पास सभी जिलों से सबूत हैं कि हरियाणा और गुजरात के लोगों के नाम पश्चिम बंगाल के निवासियों के साथ एक ही ईपीआईसी संख्या के तहत है। इसी तरह महाराष्ट्र और दिल्ली में भाजपा ने जीत हासिल की।
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