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अफगान में चल रहे गृहयुद्ध की वजह से इस साल दीवाली पर सूख सकता है मेवे का बाजार

अफगानिस्तान में सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच चल रहे गृहयुद्ध से भारत में इस साल दीवाली के पर्व पर सूखे मेवे की कमी का आसार देखने को मिल सकता हैं। दीवाली में मिठाइयों के साथ पकवानों में ड्राई फ्रूट यानी सूखे मेवे और बादाम डाले जाते है।

By Avinash RaiEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 09:41 PM (IST)
अफगान में चल रहे गृहयुद्ध की वजह से इस साल दीवाली पर सूख सकता है मेवे का बाजार

नई दिल्ली, आइएएनएस। अफगानिस्तान में सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच चल रहे गृहयुद्ध की वजह से इस साल भारत में दीवाली के पर्व पर सूखे मेवे की कमी का आसार देखने को मिल सकता हैं। दीवाली के त्यौहार में मिठाइयों के साथ विभिन्न तरह के पकवानों में ड्राई फ्रूट यानी सूखे मेवे और बादाम डाले जाते है, जिसका एक प्रमुख स्त्रोत अफगानिस्तान भी है। गृहयुद्ध के दौरान भी देश में सूखे मेवे, बादाम या शहतूत की पैदावार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। अफगानिस्तान में सफेद शहतूत और सूखे मेवे भरपूर उपज हुई है।

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अमेरिकी सैनिकों की घर वापसी के बाद तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। तालिबान ने देश के लगभल आधे से अधिक हिस्सों पर अपना कब्जा जमा लिया है। ऐसे में अफगानिस्तान से सूखा मेवा, शहतूत और बादाम की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई है। सूखे मेवे के साथ ही भारी मात्रा में अफगानिस्तान से सफेद शहतूत का आयात किया जाता है।

फेडरेशन आफ इंडिया एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय के बताया है कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार अभी भी हो रहा है, लेकिन बढ़ते तनाव को देखते हुए यह ज्यादा समय तक नहीं चल पाएंगा। अफगानिस्तान के लिए भारत बड़ा बाजार है। वहां से किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पिस्ता, सूखे खुबानी और चीढ़ की सुपारी का बड़ी मात्रा में आयात होता रहा है। इसके अलावा हींग और केसर के साथ ही ताजे फलों का आयात भी किया जाता है।

दिल्ली के एक दुकानदार का कहना है कि अफगानिस्तान के किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर जैसे कई वस्तुओं की मांग यहां के बाजार में भी होती है मगर कुछ खुदरा दुकानदार भारी मात्रा में इसे स्टाक करते हैं। सर्दियों के मौसम में सूखे मेवे और बादाम की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। दुकानदार ने बताया कि वैसे तो जम्मू-कश्मीर से भी इन सभी की बड़ी मात्रा में आपूर्ति होती है। लेकिन लोगों को अफगानी सूखे मेवे और बादाम की कमी का सामना करना पड़ सकता है। अफगानिस्तान में हालात बिगड़ने पर सूखे मेवे की आपूर्ति पूरी तरह से ठप होने की भी आशंका है।


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