अमेरिका के अफगानिस्तान से जाने के बाद बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी, भारतीय नौसेना ने अब तक करोड़ो डॉलर के ड्रग्स किए जब्त
भारतीय नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने को कहा कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान खासकर हिंद महासागर क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों के निकल जाने के बाद से मादक पदार्थों की तस्करी में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है।

मुंबई, प्रेट्र: भारतीय नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान खासकर हिंद महासागर क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों के निकल जाने के बाद से मादक पदार्थों की तस्करी में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है। ज्यादातर नशीले पदार्थ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से आ रहे हैं। युवा पीढ़ी और समाज पर इसके गंभीर प्रभाव हो रहे हैं।
पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के कारोबारी जहाजों के अलावा उसके युद्धपोतों, शोध संबंधी जहाजों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की मौजूदगी पिछले एक दशक में कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में तो नहीं, लेकिन डाउनस्ट्रीम में व्यापक पैमाने पर मछली पकड़ने के हानिकारक प्रभाव के मद्देनजर सभी तटीय देशों को समन्वित कार्रवाई करनी चाहिए। वह यहां आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक सेमिनार 'अरेबियन सी डायलाग' में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने 24 फरवरी को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को एक ऐतिहासिक घटना करार दिया, जिसने वैश्विक भू-राजनीति और विश्व आर्थिकी में बदलाव शुरू कर दिया है। अपने संबोधन में वाइस एडमिरल सिंह ने कहा कि दो दशक बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी ने एक बार फिर क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर दी है और स्थिति नियंत्रित होने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा, 'हमारे जहाज मकरान तट से लेकर मालदीव तक समुद्र में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए नियमित अभियान चलाते हैं और इस दौरान करोड़ों डालर के प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किए जाते हैं। हमारे विचार से ये अभियान क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों की नींव को कमजोर करेंगे और उनके वित्त पोषण को खत्म कर देंगे।'
उल्लेखनीय है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले एक साल में महाराष्ट्र और गुजरात से हजारों करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए हैं। वाइस एडमिरल सिंह ने कहा कि कुल मिलाकर दुनिया ने एक अधिक मुखर चीन देखा है और यह आक्रामक रुख दक्षिण व पूर्वी चीन सागरों के साथ-साथ हिमालयी व हिंद महासागर क्षेत्र में भी स्पष्ट है। अमेरिका के वरिष्ठ नेताओं के हालिया दौरे के मद्देनजर चीन और ताइवान के बीच उत्पन्न तनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों के कारण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी तनाव बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
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