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    पोखरण में DRDO ने किया एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम का सफल परीक्षण

    By Ashisha RajputEdited By:
    Updated: Tue, 03 May 2022 08:15 AM (IST)

    26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस परेड पर लोगों के सामने दिखाया गया ATAGS का 26 अप्रैल 2022 से 2 मई 2022 के बीच पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (पीएफएफआर) में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इससे भविष्य में भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी।

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    रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अधिकारियों ने सोमवार को दी जानकारी (फोटो-एएनआइ)

    जैसलमेर, एएनआइ। भारत में 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का सफल परीक्षण किया गया। बता दें कि इस प्रकिया को 26 अप्रैल से 2 मई के बीच पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (पीएफएफआर) में पूरा किया गया। इस बात की जानकारी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अधिकारियों ने सोमवार को दी।

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    क्या है ATAGS

    आधुनिक सुविधाओं से लैस हथियार भारतीय सेना की ताकत दुगनी कर रहे हैं। इसी कड़ी में ATAGS भारतीय सेना के तोपखाने आधुनिकीकरण कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, DRDO द्वारा मिशन मोड में पूरी तरह से, स्वदेशी टोड आर्टिलरी गन सिस्टम प्रोजेक्ट है।

    ATAGS का उपयोग

    ATAGS को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है, जबकि इसे भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की दो फर्मों ने निर्मित किया गया है। कयास लगाया जा रहा है यह आधुनिक सुविधाओं से लैस बंदूक भारतीय सेना के टावर हावित्जर बेड़े का मुख्य आधार होगी, जिसका इस्तेमाल बोफोर्स हावित्जर को बदलने के लिए भी किया जा सकता है।

    जनवरी 2017 में किया गया था प्रदर्शित

    ATAGS का परीक्षण भले ही अभी हुआ है लेकिन सबसे पहले 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस परेड पर लोगों के सामने दिखाया गया था। कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) के सफल परीक्षण से सेना को बड़ी ताकत मिली है, जिससे भविष्य की युनौतियों से निपटने के लिए सेना की मारक क्षमता को मजबूती मिलेगी। 

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