Draupadi Murmu: विकट परिस्थितियों में भी हासिल करती रहीं शिक्षा, अब बन सकती हैं देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति, जानिए उनका व्यक्तिगत और राजनीतिक सफर
मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद उनके नाम पर सहमति बन गई। द्रोपदी मुर्मु झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं। एक बार निर्वाचित होने के बाद वह भारत की पहली आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं पहली और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।

नई दिल्ली, एजेंसियां। राजग (NDA) ने जनजातीय (आदिवासी) समुदाय से आने वाली द्रोपदी मुर्मु को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद उनके नाम पर सहमति बन गई। द्रोपदी मुर्मु झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं। वह राज्यपाल नियुक्त होने वाली ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता भी हैं। इससे पहले मुर्मु भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में साल 2002 से 2004 तक वह मंत्री भी रहीं। मुर्मु मूल रुप से ओडिशा की रहनी वाली हैं।
- पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी
निर्वाचित होने के बाद, वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं भारत की पहली और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। ओडिशा राज्य के लिए यह एक स्वर्णिम मौका है क्योंकि एक बार निर्वाचित होने के बाद, वे ओडिशा राज्य से देश की पहले राष्ट्रपति बनेंगी। बता दें कि उनसे पहले दलित वर्ग से आने वाले केआर नरायण और मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
- संघर्षों से भरा रहा द्रोपदी मुर्मु का जीवन
द्रोपदी मुर्मु का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के सबसे अविकसित जिलों में से एक मयूरभंज जिले में हुआ।उनका जन्म गरीबी से जूझ रहे आदिवासी परिवार में हुआ। गौरतलब है कि उन्होंने विकट परिस्थितियों में भी पढ़ाई का साथ नहीं छोड़ा।
- समाज सेवा में हमेशा जुड़ी रहीं
द्रोपदी मुर्मु ने अपना जीवन समाज सेवा के कार्यों में व्यतीत किया है। उन्होंने ओडिशा, रायरंगपुर के श्री अरबिंदो अभिन्न शिक्षा केंद्र में बिना वेतन के बतौर शिक्षक सेवा दे चुकी हैं।
- समृद्ध प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव
रायरंगपुर एनएसी (NAC) की उपाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने जमीनी स्तर से राजनीतिक सफर की शुरुआत की। उन्हें ओडिशा विधान सभा द्वारा वर्ष 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने ओडिशा के विभिन्न मंत्रालयों जैसे-परिवहन और वाणिज्य को पूरी कुशलता से संभाला है। मत्स्य पालन, पशुपालन आदि जैसे मंत्रालययों को भी वो संभाल चुकी हैं।
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