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    मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'आयुष्मान भारत' के निदेशक बने डा. दिनेश अरोड़ा

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Thu, 15 Feb 2018 09:53 AM (IST)

    आइएएस अधिकारी मनीष झालानी बने आयुष्मान भारत के मिशन डाइरेक्टर... ...और पढ़ें

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    मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'आयुष्मान भारत' के निदेशक बने डा. दिनेश अरोड़ा

    नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। सरकार ने तेज तर्रार आइएएस अधिकारी डा. दिनेश अरोड़ा को महत्वाकांक्षी 'आयुष्मान भारत' योजना का निदेशक नियुक्त किया है। केरल कैडर के 2002 बैच के आइएएस अधिकारी अरोड़ा फिलहाल नीति आयोग में निदेशक हैं और स्वास्थ्य संबंधी मामले देखते हैं।

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    पेशे से डाक्टर अरोड़ा इसके पहले वह केंद्रीय विद्युत मंत्रालय में ग्रामीण विद्युत कार्यक्रम के निदेशक रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में ही ग्रामीण विद्युतीकरण के काम में तेजी आई थी। वहीं मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के अतिरिक्त सचिव मनोज झालानी को सरकार ने आयुष्मान भारत का मिशन डाइरेक्टर नियुक्त किया है।

    उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक के इलाज कराने की सुविधा देने की योजना है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना का ऐलान आम बजट 2018-19 में किया था। इस योजना का खाका नीति आयोग ने तैयार किया है। योजना का खाका तैयार करने में डा. अरोड़ा ने अहम भूमिका निभायी है।

    क्या है 'आयुष्मान भारत'

    वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में 'आयुष्मान भारत' के तहत 1.5 करोड़ आरोग्य केंद्र खोलने की घोषणा की थी, ताकि आम लोगों के पड़ोस में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इन केंद्रों में सामान्य बीमारियों की मुफ्त दवाएं भी उपलब्ध होंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोग्य केंद्र में आम आदमी को निरोग रहने के लिए देशी चिकित्सा पद्धति अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इन केंद्रों में योग के प्रशिक्षण के साथ-साथ युनानी, आयुर्वेद और सिद्ध से जुड़ी दवाएं भी मौजूद होंगी।

    आयुर्वेद की भी होगी अहम भूमिका

    सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत में आयुर्वेद की अहम भूमिका होगी। देश में खुलने वाले 1.5 करोड़ आरोग्य केंद्रों में आयुर्वेदिक दवाएं भी उपलब्ध होंगी। सामुदायिक चिकित्सा केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज का पायलट प्रोजेक्ट अलग से चल रहा है। आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरोग्य केंद्रों में आयुर्वेद के साथ-साथ युनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और योग को भी जगह मिलेगी।