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    'डिप्रेशन में हूं...' अमेरिका जाने के लिए रिजेक्ट हुआ वीजा एप्लीकेशन तो महिला डॉक्टर ने ले ली खुद की जान

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 11:28 AM (IST)

    आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक 38 वर्षीय महिला डॉक्टर ने वीजा रिजेक्ट होने के कारण आत्महत्या कर ली। वह लंबे समय से डिप्रेशन में थी। परिवार ने दरवाजा तोड़ा तो उसे मृत पाया। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें डिप्रेशन और वीजा रिजेक्शन का जिक्र है। डॉक्टर की मां ने बताया कि वह अमेरिका में नौकरी करना चाहती थी और वीजा रिजेक्ट होने से निराश थी।

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    डॉक्टर ने वीजा रिजेक्ट होने पर की आत्महत्या

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक 38 साल की महिला डॉक्टर ने इस वजह से आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे अमेरिका वीजा नहीं मिल पा रहा था। वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट होने से वह काफी समय से डिप्रेशन में थी। रविवार को एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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    पुलिस ने बताया कि शनिवार को नौकरानी के फोन करने के बाद डॉक्टर के परिजन उसके घर पहुंचे थे, जब कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं खुला तो उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया। जहां उन्होंने महिला को मृत अवस्था में पाया।

    डॉक्टर ने वीजा रिजेक्ट होने पर की आत्महत्या

    पुलिस ने बताया कि जब महिला डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला तो नौकारनी ने उसके परिवार वालों को इसकी जानकारी दी। पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी परिवार वालों को सौंप दी गई है।

    अधिकारी ने शुरुआती जानकारी के आधार पर कहा कि शक है कि महिला की मौत शुक्रवार रात नींद की गोलियों के ओवरडोज या खुद को इंजेक्शन लगाने से हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि मौत का सही कारण अभी पता नहीं चला है। फिलहाल वे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

    महिला के घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें डिप्रेशन और US वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट होने का भी जिक्र है।

    महिला डॉक्टर वीजा रिजेक्ट होने से डिप्रेशन में थी

    डॉक्टर की मां लक्ष्मी ने कहा कि उनकी बेटी US में नौकरी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही थी, लेकिन वीजा रिजेक्ट होने की वजह से वह डिप्रेस्ड हो गई थी।

    रोहिणी हैदराबाद के पद्मा राव नगर में रहती थी, क्योंकि पास में लाइब्रेरी थीं। लक्ष्मी ने कहा कि वह इंटरनल मेडिसिन में स्पेशलाइजेशन करना चाहती थी।

    डॉक्टर की मां ने PTI को बताया, 'वह एक होनहार स्टूडेंट थी और उसने 2005 और 2010 के बीच किर्गिस्तान में MBBS पूरा किया था। उसका एकेडमिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा था, और उसके भविष्य के लिए बड़े सपने थे।'