राजद्रोह पर विधि आयोग की सिफारिशों को लेकर बोले चिदंबरम, बीमारी से भी बदतर इलाज बता रहे डॉक्टर
कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिंदबरम ने कहा कि राजद्रोह कानून से संबंधित विधि आयोग की सिफारिशें डाक्टर द्वारा बीमारी से भी बदतर इलाज बताने का मामला है। यह देखकर दुख होता है कि कुछ जज और पूर्व जज वास्तविक दुनिया से कितने दूर हैं।

नई दिल्ली, पीटीआई। राजद्रोह कानून को लेकर विधि आयोग की सिफारिशों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि विधि आयोग की सिफारिशें 'डाक्टर द्वारा बीमारी से भी बदतर इलाज बताने' जैसा मामला है।
चिदंबरम ने कहा कि कठोर कानून शासकों को इसका दुरुपयोग करने के लिए निमंत्रण है।
चिदंबरम ने ट्वीट किया,
राजद्रोह कानून से संबंधित विधि आयोग की सिफारिशें 'डाक्टर द्वारा बीमारी से भी बदतर इलाज बताने' का मामला है। यह देखकर दुख होता है कि कुछ जज और पूर्व जज वास्तविक दुनिया से कितने दूर हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट करके विधि आयोग की सिफारिशों को 'चौंकाने वाला' बताया। उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध किया जाना चाहिए, क्योंकि इसका पहले से ही दुरुपयोग हो रहा है।
पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि राजद्रोह कानून का समर्थन करने वाली विधि आयोग की सिफारिशें गणतंत्र की बुनियाद के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद राजद्रोह के 10,000 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से केवल 329 में सजा हुई है।
सरकार ने क्या सिफारिश की?
गौरतलब है कि विधि आयोग ने सरकार से राजद्रोह के मामले में दंडात्मक प्रविधान बनाए रखने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा है कि इसे निरस्त कर देने से देश की सुरक्षा और अखंडता पर गंभीर असर पड़ेगा। आयोग ने राजद्रोह के मामले में न्यूनतम सजा बढ़ाने का भी सुझाव दिया है। कहा कि इसे मौजूदा तीन साल से बढ़ाकर साल साल कर दिया जाना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।