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    Operation Sindoor: 'जवाबी हमले की सोचना भी मत...', पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार; आतंकियों की अब खैर नहीं

    Updated: Wed, 07 May 2025 10:13 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सीमा सेना और नागरिकों की ओर आंख उठाने वालों को भारत का करारा जवाब बताया है। पाकिस्तान और नेपा ...और पढ़ें

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    पाकिस्तान पर भारत का प्रचंड प्रहार (Photo Jagran Graphics)

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है। इसके तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में करीब 100 किलोमीटर अंदर और गुलाम जम्मू-कश्मीर में मिसाइलों से हमला करते हुए नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।

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    भारतीय सेना और वायुसेना ने इस जबरदस्त एवं सटीक संयुक्त ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों पर धावा बोला उन्हें ध्वस्त कर दिया, जिन्हें पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर का अभेद्य किला माना जाता था।

    हैमर स्मार्ट हथियार प्रणाली का हुआ यूज

    • सरकार ने इस ऑपरेशन के दौरान मरने वाले आतंकियों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में उनकी संख्या 70 बताई गई है। मरने वालों में लश्कर के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं।
    • ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार-बुधवार रात 1.05 बजे से 1.30 के बीच भारतीय सेनाओं ने 25 मिनट के भीतर लक्ष्य को सटीक भेदने वालीं 24 अति आधुनिक विशिष्ट तकनीक वाले मिसाइलें पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में दागते हुए अपने लक्ष्य को पूरा किया।
    • इस सैन्य ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए हथियारों तथा मिसाइलों का ब्योरा आधिकारिक तौर पर साझा नहीं किया गया है, मगर बताया जाता है कि स्कैल्प डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइलें, हैमर स्मार्ट हथियार प्रणाली, निर्देशित बम किट और एक्सकैलिबर गोला-बारूद दागने वाले एम-777 हावित्जर जैसे हथियार इसमें शामिल थे।

    पाकिस्तान ने ही कर दी हमले की पुष्टि

    अचानक एवं हतप्रभ करने वाली भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई में दर्जनों आतंकियों और उनके करीबियों के मारे जाने की पुष्टि खुद पाकिस्तान ने की है। भारत की यह सैन्य कार्रवाई उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक की तुलना में सामरिक रूप से कहीं ज्यादा इसलिए बड़ी है क्योंकि इससे पाकिस्तान को साफ संदेश दिया गया है कि आतंकवाद का उसका घिनौना खेल अब भारत किसी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा।

    दो महिला सैन्य अफसरों ने दिया ब्योरा

    • पाकिस्तान के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई को अंजाम देने के बाद बुधवार सुबह 10.30 बजे भारतीय सेना की दो महिला अफसरों थलसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी तथा वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर का पूरा ब्योरा साझा किया।

  • कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में रात 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के मुख्यालयों समेत भारत में आंतक फैलाने में शामिल अन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।
  • विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन के लिए सटीक क्षमता और विशिष्ट प्रौद्योगिकी के युद्धक हथियारों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्रवाई पूरी तरह निर्धारित लक्ष्य पर ही हो।
  • सभी नौ लक्ष्यों में विशिष्ट इमारत या इमारतों का समूह शामिल था और इन्हें पूरी तरह भेदकर ध्वस्त या निष्प्रभावी कर दिया गया। इस दौरान किसी भी सैन्य या असैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया और भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में काफी संयम दिखाया है।
  • बौखलाए पाकिस्तान की भारत को दी गई युद्ध की धमकी का किसी तरह उल्लेख किए बिना विंग कमांडर सिंह ने कहा कि अगर वर्तमान स्थिति को बढ़ाने की कोई कोशिश हुई तो भारतीय सेनाएं ऐसे किसी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
  • विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं पर दिया अंजाम

    पाकिस्तान तथा गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले का ब्योरा देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने कुछ वीडियो तथा सेटेलाइट तस्वीरें साझा कीं और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए लक्ष्य विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में इन ठिकानों की भूमिका को देखते हुए निर्धारित किए गए थे। नागरिक बुनियादी ढांचे और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचने के लिए इन ठिकानों का चयन काफी मेहनत से किया गया।

    चार लक्ष्य पाकिस्तान व पांच गुलाम जम्मू-कश्मीर के

    पाकिस्तान के भीतर जिन चार आतंकी ठिकानों को भारत के मिसाइल हमले ने ध्वस्त किया उनमें सियालकोट का सरजल कैंप अंतरराष्ट्रीय सीमा से छह किलोमीटर दूर तो सियालकोट का ही मेहमूना जोया कैंप 11 किलोमीटर दूर है। 

    जबकि मुरीदके का मरकज तैयबा 25 किलोमीटर दूर है और यह हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय था और यहीं मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब व डेविड कोलमैन हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी। 

    जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर पाकिस्तान के भीतर बहावलपुर का मरकज सुभान आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का मुख्यालय था, जहां इसका सरगना मसूद अजहर अक्सर वहां आता-जाता रहा है।

    गुलाम जम्मू-कश्मीर के जिन पांच आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया उनमें मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर है और यहीं पहलगाम व जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हाल में हुए हमलों से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण शिविर है।

    मुजफ्फराबाद के ही सइदना बिलाल कैंप को भी ध्वस्त किया गया है, जहां आतंकियों को जंगल वारफेयर जैसी ट्रेनिंग दी जाती थी।

    गुलाम जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर का तीसरा लक्ष्य कोटली का गुलपुर कैंप रहा जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर है और पुंछ-राजौरी में नौ जून 2024 को तीर्थ यात्रियों पर हमले के आंतकियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था। कर्नल कुरैशी ने कहा कि मुंबई के 26/11 हमले का मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी अक्सर गुलपुर कैंप में आकर आतंकियों का ब्रेनवाश करता रहा है।

    आतंकी संगठनों को पंगु बनाना था लक्ष्य

    पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की सैन्य कार्रवाई को बिल्कुल सही ठहराते हुए कर्नल कुरैशी ने कहा कि तीन दशक से पाकिस्तान ने अपने यहां आतंकी बुनियादी ढांचे का जटिल नेटवर्क निर्मित किया है जिसमें भर्ती केंद्र, वैचारिक प्रशिक्षण केंद्र, प्रशिक्षण शिविर और ऑपरेशनल लांच पैड शामिल हैं। पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में फैला हुआ यह आतंकी ढांचा भारत में हमलों को लगातार अंजाम देता रहा है और इनके नोड्स को निशाना बनाने का मकसद आंतकी संगठनों की क्षमता को पंगु बनाना है।

    लश्कर के हैंडल से खुलती है पोल

    विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान में और वहां से भेजे गए आतंकियों के कम्युनिकेशन नोट्स सामने आए हैं। लश्कर-ए-तैयबा के ज्ञात इंटरनेट मीडिया हैंडल द्वारा उनकी पुन:पोस्टिंग खुद ही सब कुछ बयां करते हैं। पहलगाम हमले की विशेषताएं भारत में सीमापार से आतंक फैलाने के पाकिस्तान के लंबे ट्रैक रिकार्ड से भी मेल खाती हैं और पाकिस्तान दुनियाभर के आतंकियों के लिए एक पनाहगाह के रूप में कुख्यात है।

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