Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    आज रोशनी से जगमगाएगी अमावस की रात, घर-घर होगी लक्ष्मी-गणेश की पूजा

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    वाराणसी में दीपावली कार्तिक अमावस्या के प्रदोष काल में मनाई जाएगी। इस दिन घरों और मंदिरों में लक्ष्मी-गणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। विद्वानों के अनुसार, प्रदोष काल में अमावस्या होने से दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। सोमवार को रूप चौदस है और हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजन के लिए स्थिर लग्न शाम 7:10 बजे से रात 9:06 बजे तक रहेगा।

    Hero Image

    दीवाली में रौशन हुए दीये।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। ज्योति पर्व दीवाली कार्तिक अमावस्या तिथि में प्राप्य प्रदोष काल में सोमवार को मनाई जाएगी। घर-मंदिरों से लेकर सड़क-चौराहों तक प्रकाश बिखरेगा। घर-घर में श्रीसमृद्धि की देवी मां लक्ष्मी, बुद्धि प्रदाता गणेश का पूजन-अर्चन होगा। अमावस्या दोपहर बाद 2:56 बजे से लग रही है, जो 21 अक्टूबर की शाम 4:26 बजे तक रहेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काशी के विद्वानों के अनुसार प्रदोषकालिक अमावस्या 20 अक्टूबर को मिलने से दीपावली इसी दिन मनाई जाएगी। बीएचयू ज्योतिष विभाग के आचार्य डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद दो घंटे 24 मिनट तक का समय लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए शुभ होता है। सोमवार को सूर्यास्त काशी के पंचांग में स्थानीय समयानुसार 5:41 बजे होगा। भारतीय समयानुसार (आइएसटी) सूर्यास्त सायं 5:26 बजे होगा।

    बंग समुदाय निशीथ काल में मां काली की पूजा करेगा

    बंग समुदाय निशीथ काल में मां काली की पूजा कर सुख-समृद्धि व कल्याण का आशीष पाएंगे। अर्धरात्रि यानी निशीथ काल में महाकाली के पूजन व अमावस जागरण का विधान है। सोमवार की प्रात: रूप चौदस है। स्नानादि के पश्चात प्रात: काल यम के नाम तर्पण करें व हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिरों में हनुमानजी का दर्शन कर आशीर्वाद लेना चाहिए।

    दीवाली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल के स्थिर लग्न में करना चाहिए

    ख्यात ज्योतिषाचार्य व बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय के अनुसार दीवाली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में स्थिर लग्न के समय करना चाहिए। स्थिर लग्न वृष सायं 7:10 बजे से रात 9:06 बजे तक है। यह 1:56 घंटा का मुहूर्त घरों-प्रतिष्ठानों में श्रीसमृद्धि कामना से लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तम है।

    अमावस्या को एक स्थिर लग्न सोमवार दोपहर में भी मिलेगा जो दोपहर बाद 2:34 से आरंभ होकर अपराह्न 4:05 बजे तक रहेगा। अमावस्या इसी बीच 2:56 बजे लगेगी, अत: अत्यावश्यक परिस्थितियों में वाणिज्यादिक संस्थानों में मां लक्ष्मी व गणेश पूजन के लिए 2:56 बजे से चार बजे तक इस लग्न का भी प्रयोग किया जा सकता है। अर्धरात्रि में निशीथ पूजन के लिए स्थिर लग्न सिंह रात्रि में 2:34 बजे से भोर के 4:05 बजे तक मिलेगा।

    इसे भी पढ़ें: दीपावली पर रोशनी से नहाई दिल्ली, झालरों से जगमग हुई कालोनियां; दो दिनों तक मनेगी दीवाली