पिता की मौत के बाद तलाकशुदा पुत्री पेंशन की हकदार नहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट का अहम फैसला
कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि पिता की मृत्यु के बाद तलाकशुदा बेटी पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पेंशन केवल तभी मिल सकती है जब बेटी पिता की मृत्यु के समय उन पर आश्रित थी। कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें तलाकशुदा महिला को पेंशन देने का आदेश दिया गया था।

तलाकशुदा बेटी पेंशन की हकदार नहीं: कलकत्ता हाई कोर्ट
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पिता की मौत के बाद तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन नहीं मिल सकती। कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल और जस्टिस पार्थसारथी सेन की डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर पुत्री अपने पिता की मौत के दिन तक उन पर आश्रित रहती है, तो उसे पेंशन दी जा सकती है।
लेकिन पिता की मौत के बाद अगर वह तलाक लेकर मायके लौटती है, तो वह पेंशन पाने की हकदार नहीं है। दो जजों की बेंच ने तलाकशुदा महिला के लिए पेंशन पर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के फैसले को गलत बताते हुए खारिज कर दिया।
तलाकशुदा बेटी, पेंशन की हकदार नहीं
याचिकाकर्ता के पिता 1996 में केंद्रीय सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। 2003 में उनका निधन हो गया। बेटी ने अपने पिता की मौत के समय पेंशन दावा किया था। उस समय उनकी शादी हो चुकी थी। 2016 में उनका तलाक हो गया। बाद में पैसे की तंगी की वजह से उन्होंने अपने पिता की पेंशन के पैसे के लिए आवेदन किया।
पिता पर आश्रित होने पर ही पेंशन
कैट ने केंद्र को आवेदन के तहत पेंंशन देने का आदेश दिया। केंद्र ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उसके वकील फटिक चंद्र दास ने दलील दी कि पिता की मौत के समय बेटी की शादी हो चुकी थी। वह अपने पिता की पेंशन पर आश्रित नहीं थी। अब वह अचानक अपनी जरूरतों के लिए पिता की पेंशन के पैसे नहीं मांग सकती। सिर्फ परिवार के आश्रित ही पेंशन के हकदार हैं।

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