प्राकृतिक आपदा से निपटने की जमीनी तैयारी, आपदा प्रबंधन में मॉडल बनेंगे 20 राज्यों के 20 गांव
देश के 20 राज्यों में 20 गांवों को आपदा प्रबंधन के मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। पंचायतीराज मंत्रालय और एनडीएमए ने विस्तृत रूपरेखा तैयार की ...और पढ़ें

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण। (पीटीआई)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: भौगोलिक परिस्थितियों के कारण देश के अलग-अलग राज्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं। इनसे निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) सक्रिय रहते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विजन दिया कि जो गांव बाढ़, सूखा, भूकंप, भूस्खलन, तट क्षरण और नदियों के कटाव जैसी छह प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं, यदि उसी पहले मोर्चे पर तैयारी मजबूत की जाए तो बेहतर होगा।
गृह मंत्री के इस विजन को धरातल पर उतारने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय और एनडीएमए ने विस्तृत रूपरेखा तैयार की है, जिसके तहत ऐसी परिस्थितियों से जूझने वाले 20 राज्यों में एक-एक गांव को आपदा प्रबंधन के मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। गृह मंत्रालय और पंचायतीराज मंत्रालय ने इस दो वर्षीय कार्यक्रम को इस उद्देश्य के साथ तैयार किया है कि आपदा के बाद उससे निपटने की बजाए आपदा से पहले ही उससे बचाव व जोखिमों को कम से कम करने की तैयारी गांव स्तर पर कर ली जाए।
इसके तहत 20 राज्यों में प्राकृतिक आपदा के मामले में संवेदनशील 81 जिलों को कार्ययोजना में शामिल किया गया है। इसके दायरे में कुल 1620 ग्राम पंचायतें आ रही हैं। केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य स्वयं चिन्हित करें कि उनके क्षेत्र में जिस आपदा की आशंका सबसे अधिक रहती है, उसकी तैयारी के लिए एक गांव को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित करें। इसके बाद चिन्हित गांव की ग्राम पंचायत विकास योजना में संबंधित आपदा के प्रबंधन का एकीकरण किया जाएगा।
विभिन्न स्तरों पर क्षमता निर्माण की योजना है, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों जैसे सरपंच व अध्यक्षों के लिए प्रशिक्षण, पंचायत कार्यकर्ताओं के लिए कौशल विकास, राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थानों के साथ सीधा जुड़ाव, सामुदायिक स्वयंसेवकों (आपदा मित्रों) तैयार करना, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स और गाइड्स के माध्यम से युवा संगठन तैयार करना, बहुस्तरीय शमन रणनीति आदि को शामिल किया जाएगा।
यह दो वर्ष का कार्यक्रम वर्ष 2027 तक चलेगा, जिसमें बीस माडल गांव देशभर में तैयार हो जाएंगे। वह जिस कुशलता से आपदा से निपटेंगे, उसका अनुकरण देश के अन्य प्रभावित क्षेत्रों में किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए गत दिवस उच्च स्तरीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह कुल 507.37 करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति दे चुके हैं।
राज्य- चिन्हित जिले - आपदा प्रबंधन
- हिमाचल प्रदेश- तीन - बाढ़ या भूस्खलन
- उत्तराखंड- तीन - बाढ़ या भूस्खलन
- केरल- छह- तटीय क्षरण
- ओडिशा- छह - चक्रवात या सूखा
- अरुणाचल प्रदेश- तीन - बाढ़ या भूस्खलन
- सिक्किम- तीन - भूस्खलन
- असम- छह- बाढ़
- मेघालय- तीन- बाढ़ या भूस्खलन
- महाराष्ट्र- छह- सूखा या भूकंप
- राजस्थान- छह- सूखा या बाढ़
- उत्तर प्रदेश- छह- भूकंप या बाढ़
- तमिलनाडु- पांच- चक्रवात या सूखा
- आंध्र प्रदेश- तीन- चक्रवात या भूस्खलन
- पंजाब- दो- भूकंप या नदी का कटाव
- बिहार- पांच- भूकंप या बाढ़
- नगालैंड- दो- भूस्खलन
- कर्नाटक- तीन- सूखा या भूस्खलन
- मिजोरम- दो- बाढ़ या भूस्खलन
- त्रिपुरा- तीन- बाढ़ या भूकंप
- गुजरात- पांच- भूकंप या बाढ़

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