2027 तक 13 अरब डॉलर पहुंचेगा भारत का डिजिटल मीडिया उद्योग, रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे
इन रिपोर्टों में भारतीय मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि तेजी से बढ़ते मध्यम वर्ग सहित 1.4 अरब से अधिक आबादी वाले भारत में विविध और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री की मांग लगातार बढ़ रही है। यह जनसांख्यिकीय लाभ मीडिया और मनोरंजन उत्पादों के लिए एक स्थिर और विस्तारित बाजार सुनिश्चित करता है।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। भारत अपनी किस्सागोई की संस्कृति, निरंतर विस्तार पाते डिजिटल बाजार एवं भाषाई व सांस्कृतिक विविधता के कारण विश्व में एक बड़े सिनेमाई बाजार के रूप में उभर रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक भारत का मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग 2027 तक 36.1 अरब अमरीकी डॉलर एवं डिजिटल मीडिया उद्योग 13 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंच सकता है। क्योंकि देश में स्मार्टफोन एवं इंटरनेट कनेक्टेड टेलीविजन की पहुंच लगातार बढ़ रही है।
शनिवार को जारी हुई रिपोर्ट
विश्व दृश्य श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) 2025 के तीसरे दिन सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ.एल.मुरूगन ने मीडिया एवं मनोरंजन जगत से संबंधित पांच अलग-अलग रिपोर्ट्स जारी कीं। इनमें अर्नेस्ट एंड यंग द्वारा तैयार रिपोर्ट एक स्टूडियो कॉल्ड इंडिया – कंटेंट एंड मीडिया सर्विसेज फॉर द वर्ल्ड में भारत में उभरते मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग से जुड़ी कई उत्साहवर्द्धक जानकारियां प्रस्तुत की गई हैं।
शनिवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग में मौजूदा कार्यबल के उन्नयन के साथ-साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों के युवाओं के कौशल विकास पर जोर देने से इस क्षेत्र को उछाल लेने में मदद मिलेगी और भारत सबसे पसंदीदा वैश्विक गंतव्य बन जाएगा।
डिजिटल मीडिया ने टेलीविजन को पीछे छोड़ा
अर्नेस्ट एंड यंग की रिपोर्ट 'ए स्टूडियो कॉल्ड इंडिया', बीसीजी की रिपोर्ट 'कंटेंट से कॉमर्स तक' और इवेंट एफएक्यू मीडिया की रिपोर्ट 'भारत की लाइव इवेंट अर्थव्यवस्था - एक रणनीतिक विकास अनिवार्यता' भी शिखर सम्मेलन में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन द्वारा जारी की गई रिपोर्टों में प्रमुख थीं।
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि डिजिटल मीडिया ने पहली बार टेलीविजन को पीछे छोड़ दिया है, जो 800 अरब रुपए से अधिक के साथ भारत में सबसे बड़ा सेगमेंट बन गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष देश में दो लाख घंटे की विषय-वस्तु का उत्पादन किया गया, जिसमें समाचार बुलेटिन और यूजीसी से जुड़े विषय शामिल नहीं है।
कुशल कार्यबल तैयार करने की जरूरत
- मंत्री ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र 2024-25 पर अपने मंत्रालय की सांख्यिकीय पुस्तिका और कानूनी फर्म खेतान एंड कंपनी द्वारा तैयार भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र पर नियामक पुस्तिका भी जारी की।
- अर्नेस्ट एंड यंग की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस क्षेत्र की क्षमता को साकार करने के लिए भारत को उच्च गुणवत्ता वाले संसाधनों का निर्माण करना होगा और इमर्सिव मीडिया (एआर, वीआर और एक्सआर), एएए गेमिंग, हाई-एंड एनीमेशन और वीएफएक्स जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए कुशल कार्यबल तैयार करना होगा।
जोखिमों पर ध्यान देना जरूरी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस क्षमता का पूरा दोहन करने के लिए, ऑटोमेशन से नौकरी जाने, प्रतिभाओं का पलायन और मानकीकृत प्रमाणपत्रों की कमी जैसे उभरते जोखिमों पर ध्यान देना भी आवश्यक है। मीडिया टेक कंपनियों के लिए भारत का कुशल कार्यबल एवं अन्य देशों की तुलना में कम उत्पादन लागत इसे एक आदर्श स्थान बनाती है।
रिपोर्ट में मुंबई में प्रस्तावित भारतीय सृजनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान और प्रगतिशील राज्य स्तरीय नीतियों जैसी पहलों की भी सराहना की गई है, जिसमें कहा गया है कि इनसे देश में मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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