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    क्या Digi Yatra के डेटा से टैक्स चोरी करने वालों की होगी पहचान? आयकर विभाग ने बताई सच्चाई

    क्या एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स का डेटा इनकम टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर किया जाता है? सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस सवाल का जवाब दिया। मंत्रालय ने कहा कि यह झूठा और निराधार दावा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से एक यात्रियों की सुविधा के लिए डिजी यात्रा एक डिजिटल पहल की शुरुआत की गई है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 30 Dec 2024 11:17 PM (IST)
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    डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स के डेटा इस्तेमाल को लेकर आयकर विभाग ने जानकारी दी है। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या टैक्स चोरी करने वालों की नकेल कसने के लिए (Digi Yatra) का डेटा इस्तेमाल किया जाएगा? क्या एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स का डेटा इनकम टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर किया जाता है? ये दो ऐसे सवाल हैं, जो पिछले कुछ दिनों से लोग पूछ रहे हैं।

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    इन दो सवाल का जवाब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को दिया। मंत्रालय ने साफ कह दिया है कि डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों का डेटा भारतीय टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर नहीं किया जाता है। इनकम टैक्स विभाग ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि डिजी यात्रा का डेटा टैक्स चोरों पर नकेल कसने के लिए किया जाएगा।

    इनकम टैक्स विभाग ने अपने आधिकारिक ऐक्स हैंडल पर लिखा, “ऐसा देखा गया है कि समाचार रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डिजी यात्रा डेटा का उपयोग टैक्स की चोरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए किया जाएगा। ये स्पष्ट किया जाता है कि आज की तारीख तक IncomeTaxIndia विभाग द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।”

    डिजी यात्रा के CEO ने क्या कहा?

    डिजी यात्रा फाउंडेशन के CEO सुरेश खड़कभवी ने भी लिंक्डइन पर एक पोस्ट करते हुए इन दावों का खंडन किया है। यह अज्ञात सोर्स द्वारा निराधार दावा किया जा रहा है। डिजी यात्रा किसी भी सेंट्रल रिपॉजिटरी में कोई Personally Identifiable Information (PII) रखे बिना काम करती है। हम सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी व्यक्ति की जानकारी किसी से शेयर न की जाए।

    क्या  Digi Yatra?

    बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से एक यात्रियों की सुविधा के लिए एक डिजिटल पहल की शुरुआत की गई है।  हवाई यात्रा करने वालों को पेपर और आईडी कार्ड दिखाने की परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार   फेशियल रिकग्निशन तकनीक लेकर आई।

     अलग-अलग चेकपॉइंट्स, जैसे चेक-इन, सुरक्षा और बोर्डिंग गेट पर यात्रियों की पहचान को वेरीफाई करने के लिए फेशियल रिकग्निशन का उपयोग किया जाना लगा है। यात्रियों को अब  पेपर और आईडी कार्ड दिखाने के झंझट से मुक्ति मिल गई है। 

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