इलाज पर जीएसटी की गाज: किडनी, दिल, कैंसर व हड्डी रोगों का उपचार पड़ेगा महंगा
जीवनरक्षक दवाएं कर मुक्त स्वास्थ्य मंत्रालय की जीएसटी इकाई ने स्वास्थ्य सेवाओं पर समान वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) के असर को लेकर पिछले कई दिनों से उठ रहे सवालों का जवाब दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। पिछले महीने से लागू जीएसटी की मार से बीमार भी नहीं बच पाएंगे। अब डायलिसिस कराना, पेसमैकर लगवाना तथा आर्थोपीडिक व कैंसर के इलाज में काम आने वाले उपकरणों पर टैक्स की दर बढ़ गई है। ऐसे में किडनी, दिल, कैंसर व हड्डी रोगों के मरीजों को फटका पड़ेगा। इसका खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट से हुआ है।
मंत्रालय ने इन रोगों के इलाज में सहायक उपकरणों पर नई कर दरें उजागर की हैं। जीवनरक्षक दवाएं कर मुक्त स्वास्थ्य मंत्रालय की जीएसटी इकाई ने स्वास्थ्य सेवाओं पर समान वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) के असर को लेकर पिछले कई दिनों से उठ रहे सवालों का जवाब दिया है। इनसे कई बीमारियों की जांच व उनके उपचार में लगने वाले उपकरण महंगे हो जाएंगे, जिनका असर निश्चित तौर पर बीमारों पर पड़ेगा।
हालांकि एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जीवन रक्षक दवाएं, हेल्थकेयर सेवाएं व मेडिकल उपकरण जीएसटी के तहत कर मुक्त बने रहेंगे।
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