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    अयोध्या या उज्जैन समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर रूम बुक करने से पहले बरतें सावधानी

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 04:57 PM (IST)

    अयोध्या उज्जैन जैसे धार्मिक स्थलों पर धर्मशाला में कमरा बुक करते समय धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। मयूर कृष्ण झा ने अयोध्या की बिड़ला धर्मशाला में कमरा बुक करने के लिए ऑनलाइन सर्च किया और क्यूआर कोड से पेमेंट करने के बाद ठगी का शिकार हुए। साइबर क्राइम पुलिस ने कुछ वेबसाइट्स को बंद करा दिया है।

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    अयोध्या या उज्जैन समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर रूम बुक करने से पहले बरतें सावधानी

    जेएनएन, नई दिल्‍ली। अक्सर लोग अयोध्या या उज्जैन समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने से पहले धर्मशाला में ऑनलाइन कमरा बुक करा लेते हैं, लेकिन इसी में उनके साथ ठगी हो जाती है। इस रिपोर्ट में हम इसी तरह के फ्रॉड के बारे में बताएंगे।

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    नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में शिकायत

    इंदिरापुरम के मयूर कृष्ण झा का कहना है कि उन्होंने अयोध्या की बिड़ला धर्मशाला में रूम बुक करने के लिए ऑनलाइन सर्च किया तो इस नाम से बनी वेबसाइट मिली। उसमें दिए गए नंबर पर कॉल करने पर उनसे दो एसी कमरों के लिए 3200 प्लस 40 रुपये मांगे। क्यूआर कोड पर उन्होंने 3240 रुपये का पेमेंट कर दिया। करीब 20 दिन बाद जब कोई बुकिंग डिटेल नहीं मिली तो नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में शिकायत की थी।

    वेबसाइट्स को करा दिया था बंद

    वेबसाइट को चेक करने पर पता चला कि इसमें एआई जेनरेटेड तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें सभी पर मेटा एआई का लोगो लगा हुआ है। गूगल पर सर्च करने पर बिड़ला धर्मशाला के नाम से दो और वेबसाइट दिखीं।

    अयोध्या साइबर क्राइम थाने के प्रभारी सूर्य विजय सिंह का कहना है कि उनके पास इस तरह की कुछ शिकायतें आई थीं, जिसके बाद उन्होंने बिड़ला धर्मशाला के नाम पर चल रही वेबसाइट्स को बंद करा दिया था।

    हरिद्वार में धर्मशाला के नाम पर भी ठगी

    बिड़ला धर्मशाला के मैनेजर पवन सिंह ने बताया कि उनकी कोई भी वेबसाइट नहीं है। धर्मशाला में आकर ही बुकिंग की जा सकती है। इसी तरह से अयोध्या की जानकी महल ट्रस्ट, खाटू श्याम में सांवरिया धर्मशाला, उज्जैन में महाकाल मंदिर की धर्मशाला और हरिद्वार में धर्मशाला के नाम पर भी ठगी की जा चुकी है।

    पूर्व आईपीएस एवं साइबर एक्सपर्ट प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि प्रसिद्ध धर्मशाला या संस्थानों के नाम से अपराधी वेबसाइट बना लेते हैं। पेमेंट किसी भी क्यूआर कोड के माध्यम से मत कीजिए। हो सके तो उस संस्थान या धर्मशाला की वेबसाइट के नाम को ब्राउजर पर टाइप कीजिए और वहां दिए गए पेमेंट के विकल्प से पेमेंट कीजिए।

    विस्तृत रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें