पायलट के थकान जोखिम से निपटने के लिए DGCA ने उठाया सख्त कदम, इन उड़ानों में करेगा कटौती
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों की थकान से निपटने के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों को सख्त किया है। पायलटों के लिए आराम की अवधि बढ़ाई गई है और रात में उड़ान के घंटे कम किए गए हैं। विमान कंपनियों को थकान प्रबंधन की ट्रेनिंग देना जरूरी है। डीजीसीए ने विमान कंपनियों को हर तीन महीने में थकान से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

DGCA ने उठाए सख्त कदम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पायलटों की थकान की समस्या से निपटने और उड़ान सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। इनमें मुख्य रूप से पायलटों के लिए आराम की अवधि बढ़ाना और रात में उड़ान के घंटे कम करना शामिल है।
भारतीय विमान कंपनियों को अब पायलटों के लिए रोस्टर तैयार करने वाले शेड्यूलर और डिस्पैचर को थकान प्रबंधन की ट्रे¨नग देना जरूरी है। डीजीसीए ने 20 नवंबर के एक सर्कुलर में विमान कंपनियों को हर तीन महीने में थकान (फटीग रिपोर्ट) से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।
पायलटों के लिए आराम की अवधि बढ़ी
इसमें उन क्रू मेंबर्स की संख्या को बताना होगा जिन्होंने फटीग मैनेजमेंट के संबंध में प्रशिक्षण लिया हो, कितनी फटीग रिपोर्ट प्राप्त हुईं, कितनी रिपोर्ट स्वीकार की गई या खारिज कर दी गई। विमान कंपनियों को किसी भी फटीग रिपोर्ट को खारिज करने का कारण भी बताना होगा।
एक सूत्र ने बताया कि ये निर्देश तब आए जब डीजीसीए को पता चला कि उसे कई महीनों से विमान कंपनियों से थकान की रिपोर्ट नहीं मिल रही थी, खासकर एक जुलाई से नए ड्यूटी टाइम लिमिटेशन और आराम की अवधि से संबंधित नियमों के पहले चरण के लागू होने के बाद।
इंडिगो और टाटा ग्रुप की एअर इंडिया समेत घरेलू विमान कंपनियों ने शुरू में नए नियमों को लागू करने का विरोध किया था। बदले हुए नियमों का दूसरा चरण कुछ छूट के साथ एक नवंबर से लागू हुआ।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई क इनपुट के साथ)

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