नोटबंदी की वर्षगांठ पर वार-पलटवार की तैयारी में भाजपा-कांग्रेस
विपक्ष की 18 पार्टियां आठ नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाने का एलान कर चुकी है। जबकि भाजपा ने इसे कालाधन विरोधी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। नोटबंदी की वर्षगांठ राजनीतिक रूप से काफी गर्म होगी। इसे काला दिवस के रूप में मनाने के लिए विपक्ष ने कमर कस ली है, वहीं भाजपा भी जवाबी पलटवार के लिए पूरी तरह से तैयार है। मोदी सरकार के शीर्ष मंत्री दिल्ली से लेकर कई अहम राज्यों में तथ्यों के साथ यह बताएंगे कि नोटबंदी ने किस तरह देश और समाज के कमजोर वर्गों को मजबूत किया है। यह तर्क देंगे कि इसका विरोध केवल वह लोग कर रहे हैं, जो डरे हुए हैं।
भाजपा की है ये पूरी तैयारी, आंकडे के साथ जेटली रखेंगे बात
मंगलवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली राजधानी दिल्ली में पूरे आंकड़े के साथ अपनी बात रखेंगे। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और पटना में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी विपक्ष पर हमलावर होंगे। नोटबंदी की वर्षगांठ के दिन बुधवार को लगभग सभी बड़े राज्यों में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तक जैसे कई मंत्री मैदान में उतरेंगे।
सोमवार को कांग्रेस ने पार्टी शासित राज्यों के नेताओं को दिल्ली में जुटा कर नोटबंदी के साथ-साथ जीएसटी के क्रियान्वयन पर अंगुली उठाई। विपक्ष की 18 पार्टियां आठ नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाने का एलान कर चुकी है। जबकि भाजपा ने इसे कालाधन विरोधी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। शुरुआत एक दिन पहले से ही होगी। मंगलवार को जेटली दिल्ली में मीडिया के जरिये देश के सामने कुछ आंकड़े रखेंगे।
जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर हमले तेज करेगी कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर हमले को धार देने में जुट गई है। इस सिलसिले में इसने पार्टी शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों को मैदान में उतारा है। पंजाब और कर्नाटक के वित्त मंत्रियों ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बिना तैयारी जीएसटी लागू करने से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है।
कांग्रेसी वित्त मंत्रियों ने आरोप लगाया कि जीएसटी से अर्थव्यवस्था को बड़े लाभ का दावा किया गया था। लेकिन, यह उतना ही नुकसानदेह साबित हो रहा है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आरोप लगाया कि जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनके बारे में जीएसटी काउंसिल में कांग्रेसी वित्त मंत्री मुद्दा उठाते रहे हैं। जीएसटी में किए जा रहे सुधारों का श्रेय लेते हुए उन्होंने कहा कि व्यापारियों में बढ़ते आक्रोश और हिमाचल व गुजरात चुनावों के कारण सरकार उनके सुझाव लागू करने के लिए मजबूर हुई है।
कांग्रेसी वित्त मंत्रियों ने आरोप लगाया कि जीएसटी के कारण छोटे और मझोले उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। कई कंपनियां बंद हो गई हैं। कर्नाटक के वित्त मंत्री कृष्णा गौड़ा ने छोटे व मझोले उद्योगों को हर महीने जीएसटी फाइल करने से छूट देकर तीन महीने किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अभी इसमें और सुधार की जरूरत है। अभी तक केवल 1.5 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार वाले व्यापारियों को ही यह लाभ मिल रहा है। 10 नवंबर को होने वाले जीएसटी काउंसिल में वह इस सीमा को और आगे बढ़ाने का मुद्दा उठाएंगे।
कांग्रेसी वित्त मंत्रियों ने जीएसटी में एक ही क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के उत्पादों पर अलग-अलग दर और इसके कारण कंपनियों को होने वाली दिक्कतों को भी रेखांकित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी काउंसिल की बैठकों में वे इन मुद्दों को शुरू से उठाते रहे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। वैसे इन वित्त मंत्रियों ने सरकार के इस तर्क को काफी हद तक सही माना कि इतने बड़े सुधार को लागू करने में शुरुआती दिक्कतें स्वाभाविक हैं। लेकिन उनका कहना था कि इसके हिसाब से तैयारी पहले होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जितनी दिक्कतें आ रही हैं, वे ऐसी नहीं है कि उनका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था।
वैसे कांग्रेसी वित्त मंत्रियों ने माना कि जीएसटी से अब पीछे लौटने का सवाल नहीं उठता है। दिक्कतों को दूर करने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं। जनता के दबाव और चुनावी मजबूरियों के कारण सरकार भी इसके लिए तैयार दिख रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गुवाहाटी बैठक में व्यापारियों और उद्योगपतियों को राहत मिलने वाले कई फैसले लिये जा सकते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।