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    जलीकट्टू पर अध्यादेश जारी करने की मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने की मांग

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Mon, 09 Jan 2017 05:53 PM (IST)

    तमिलनाडु में पोंगल के उत्सव के दौरान जलीकट्टू खेलने की प्राचीन परंपरा है। इसमें सांड़ को नियंत्रित करने वाले युवाओं को इनाम दिए जाते हैं।

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    चेन्नई, प्रेट्र । तमिलनाडु में सांड़ से जूझने वाले परंपरागत खेल जलीकट्टू को फिर से शुरू करने की अनुमति देने वाला अध्यादेश जारी करने के लिए मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस खेल में सांड़ को उत्तेजित किया जाता है और इसके बाद लोग उसे घेरते हैं। इस खेल में तमाम लोग घायल हो जाते हैं, कई बार तो लोगों की मौत भी हुई है। खेल में जानवर को भी चोट लगती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर सन 2014 में रोक लगा दी थी।

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    तमिलनाडु में पोंगल के उत्सव के दौरान जलीकट्टू खेलने की प्राचीन परंपरा है। इसमें सांड़ को नियंत्रित करने वाले युवाओं को इनाम दिए जाते हैं। पशु संरक्षक संस्थाओं की लंबी मांग के बाद मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू के आयोजन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने कई मौकों पर राहत पाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुईं। तमिलनाडु सरकार ने नवंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट में फैसले पर पुनर्विचार याचिका भी दायर की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।

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    इस बार पोंगल 14 जनवरी को पड़ रहा है। पोंगल को नजदीक देख मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कानून अड़चनों को दूर करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है जिससे जलीकट्टू को एक बार फिर से खेला जा सके। द्रमुक सहित तमिलनाडु के सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार के साथ हैं।