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    सुप्रीम कोर्ट में राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग खारिज

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Fri, 21 Jul 2023 07:10 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थानी भाषा को आधिकारिक भाषा की सूची में शामिल करने के बारे में केंद्र को निर्देश देने से संबंधित एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा कार्यपालिका के नीतिगत क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पीठ ने एक वकील की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी अन्य और भाषाएं हो सकती हैं।

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    राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग खारिज

    नई दिल्ली, पीटीआई: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थानी भाषा को आधिकारिक भाषा की सूची में शामिल करने के बारे में केंद्र को निर्देश देने से संबंधित एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा कार्यपालिका के नीतिगत क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

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    प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पहले के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि

    ऐसे मुद्दों पर सरकार और अन्य उपयुक्त संवैधानिक प्राधिकारियों को रिट जारी नहीं की जा सकती। पीठ ने कहा कि जिस राहत का अनुरोध किया जा रहा है वह राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की है। प्रतिवादी (सरकार) के वकील ने कन्हैया लाल सेठिया मामले में हमारे फैसले को रिकॉर्ड पर रखा है… हम इस विचार से सहमत हैं… हम याचिका पर विचार करने से इनकार करते हैं।

    पीठ ने याचिका की खारिज

    पीठ ने रिपुदमन सिंह नामक एक वकील की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी अन्य और भाषाएं हो सकती हैं जिन्हें शामिल करने का अनुरोध किया जा सकता है। इस तरह के मामलों पर सिर्फ कार्यपालिका ही जवाब दे सकती है। संविधान की आठवीं अनुसूची में आधिकारिक भाषाओं की सूची शामिल है। संविधान की आठवीं अनुसूचि में आधिकारिक भाषाओं की सूची शामिल है।