Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंजीनियर से डॉक्टर और मौलवी तक... पेशे की आड़ में इन आतंकियों ने रची दिल्ली ब्लास्ट की पूरी साजिश

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:47 PM (IST)

    दिल्ली के लाल किले के सामने हुए धमाके में 10 लोगों की जान चली गई। जांच में डॉ. उमर नामक व्यक्ति का नाम सामने आया, जो कार चला रहा था। फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी हुई, जिनके घरों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। डॉ. शाहीन पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने का आरोप है। पुलिस ने कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ जारी है।

    Hero Image

    आतंक के कितने किरदार। इमेज- जागरण ग्राफिक्स

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार 10 नवंबर को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के सामने आई- 20 कार में जोरदार धमाका हुआ। इस आतंकी हमले में 10 लोगों की जान चली गई, वही दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए। जांच के अनुसार जिस कार में ये धमाका हुआ उसे डॉ. उमर चला रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धमाके से पहले दिल्ली से सटे फरीदाबाद की अल-फलाह युनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल और उसकी सहयोगी डॉ. शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। मुजम्मिल के फरीदाबाद स्थित दो किराए के घर से करीब 3000 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद एजेंसियों ने जांच तेज कर एक के बाद एक गिरफ्तारियों को अंजाम दिया। 

    कौन है डॉ. मुजम्मिल गनई?

    जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के कोइल का रहने वाला 35 वर्षीय डॉ. मुज़म्मिल गनई, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। पुलिस ने उनकी पहचान आतंकी मॉड्यूल के प्रमुख सदस्यों में से एक के रूप में की है।

    उसकी गिरफ्तारी के बाद, अधिकारियों ने फरीदाबाद के धौज में उनके किराए के आवास से 358 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट, एक क्रिनकोव असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 91 जिंदा राउंड, कारतूस के साथ एक पिस्तौल, टाइमर, बैटरी, रिमोट कंट्रोल और बम बनाने की अन्य सामग्री बरामद की थी।

    कौन है डॉ. अदील अहमद राथर

    कश्मीर के कुलगाम का डॉ. अदील अहमद राठेर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। वह अल-फलाह विश्वविद्यालय में भी काम करता था। साथ ही डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर उन नबी का सहयोगी था। पुलिस सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि जीएमसी श्रीनगर में उसके लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद हुई है, जहां वह पहले सीनियर रेजिडेंट के तौर पर काम करता था।

    उस पर विस्फोटक और हथियार जमा करने वाले फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा होने का आरोप है। अदील की गिरफ्तारी मुजम्मिल से पूछताछ के बाद हुई, जिसमें कई स्थानों पर विस्फोटकों के परिवहन और छिपाने में उनके सहयोग का खुलासा हुआ।

    डॉ. उमर उन नबी कौन हैं?

    पुलवामा का डॉ. उमर उन नबी भी अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ा था। वह कथित तौर पर वह आई-20 कार चला रहा था। आतंकी डॉ. उमर धमाके से पहले बार-बार ठिकाना बदलता रहता था।

    एक अधिकारी ने बताया, "उसने डॉ. मुजम्मिल और डॉ. अदील के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे थे। उमर विस्फोटकों के भंडारण और रसद का समन्वय करता था।" अधिकारियों ने पुष्टि की है कि विस्फोट के दौरान उमर वाहन में मौजूद था।

    कौन है डॉ. शाहीन सईद

    लखनऊ की डॉक्टर शाहीन सईद पर डॉ. मुजम्मिल की सक्रिय सहयोगी और करीबी विश्वासपात्र होने का आरोप है। फरीदाबाद में उसकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद होने के बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए श्रीनगर लाया गया था।

    पुलिस ने बताया कि मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद वह घबरा गई और उसने हथियार कूड़ेदान में फेंक दिया। बताया जा रहा है कि डॉ. शाहीन फरीदाबाद में अपने सदस्यों और कश्मीर में अपने संपर्कों के बीच संपर्क बनाए रखती थी। 

    कौन है हाफिज मोहम्मद इश्तियाक?

    मौलवी हाफिज मोहम्मद इश्तियाक हरियाणा के मेवात के मूल निवासी मौलवी इश्तियाक फरीदाबाद की ढेरा कॉलोनी स्थित अल-फलाह मस्जिद में इमाम था।

    पुलिस ने अल-फलाह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित उसके आवास से 2,500 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक बरामद किया। अधिकारियों ने बताया कि वह धार्मिक शिक्षक के वेश में परिसर में रह रहा था।

    कौन है डॉ. सज्जाद मलिक?

    पुलिस ने मंगलवार को पुलवामा के एक अन्य डॉक्टर सज्जाद मलिक को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया, जिससे दिल्ली विस्फोट मामले से जुड़े कश्मीर में जन्मे डॉक्टरों की संख्या चार हो गई।

    यह स्पष्ट नहीं है कि मलिक को हिरासत में लेने का उद्देश्य उसके दोस्त उमर उन नबी के बारे में जानकारी जुटाना था या फिर उसे भी व्यापक आतंकवादी साजिश में एक संदिग्ध के रूप में हिरासत में लिया गया था।

    जैश से जुड़े दिल्ली ब्लास्ट के तार 

    जांच में सामने आया है कि दिल्ल्ली ब्लास्ट के तार जैश से जुड़े हुए हैं। मसूद अजहर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का संस्थापक है। इसने भारत में कई आतंकवादी हमले को अंजाम दिया है।

    आईसी-814 अपहरण के दौरान बंधक बनाए गए हवाई यात्रियों के बदले भारत की ओर से रिहा किए जाने के बाद उसने 1999-2000 में इस संगठन की स्थापना की थी। जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान के बहावलपुर से संचालित होता है।

    मसूद अजहर 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमलों, 2016 के पठानकोट एयरबेस हमलों और 2019 के पुलवामा हमले में शामिल रहा है। इसके बाद अब दिल्ली ब्लास्ट में संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद भी उसका इस हमले से कनेक्शन सामने आ रहा है।

    पेशे से इंजीनियर था ओसामा

    दिल्ली ब्लास्ट में यह पहली बार नहीं था जब पेशेवर लोगों ने आतंकी हमले को अंजाम दिया। ओसामा बिन लादेन जो पेशे से इंजीनियर था, उसने कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। ओसामा बिन लादेन का पालन-पोषण एक कट्टर सुन्नी मुसलमान के रूप में हुआ। 1968 से 1976 तक, उसने अल-थैगर मॉडल स्कूल में पढ़ाई की।

    1971 में, बिन लादेन ने इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में अंग्रेजी भाषा का कोर्स किया। उसने किंग अब्दुलअजीज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और व्यवसाय प्रशासन की पढ़ाई की। कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि उसने 1979 में सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. बाद में उसने आतंक की राह अपना ली।