दिल्ली ब्लास्ट का दुबई कनेक्शन, डॉक्टरों और मौलवियों का आतंकी नेटवर्क बेनकाब; 6 दिसंबर की 'बड़ी प्लानिंग' फेल
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में दुबई कनेक्शन सामने आया है। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े संदिग्धों के दुबई में होने का पता चला है। जांच में डॉक्टरों और मौलवियों के आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जो 6 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में धमाके करने की साजिश रच रहे थे। पुलिस ने 3000 किलो विस्फोटक बरामद कर एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।
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दिल्ली ब्लास्ट का दुबई कनेक्शन (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में अब एक नया सिरा जुड़ गया है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों को पता चला है कि इस साजिश से जुड़े कुछ संदिग्ध दुबई में रहते हैं। पहले यह शक था कि कुछ आरोपी तुर्किये और पाकिस्तान से जुड़े हैं, अब जांच की दिशा दुबई की ओर मुड़ गई है।
जांच एजेंसियों ने श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद(JeM) के समर्थन वाले पोस्टर लगाने के आरोप में डॉ. आदिल अहमद रदर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया कि उसका भाई मुजफ्फर रदर दो महीने पहले पाकिस्तान गया था और वहां से दुबई पहुंचा।
मुजफ्फर ने किससे जुटाया फंड
अब जांचकर्ता इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि मुजफ्फर ने पाकिस्तान में किससे मुलाकात की और दुबई में उसका संपर्क किससे है। एजेंसियों को शक है कि उसने आतंक गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का काम किया।
डॉ. आदिल अहमद यूपी के सहारनपुर का रहने वाला है और जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम करता था। जांच में सामने आया है कि कई डॉक्टर और मौलवी आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे।
DNA से उमर की हुई पहचान
दूसरी ओर, जांच में यह भी पक्का हुआ है कि डॉ. उमर मोहम्मद वही व्यक्ति था जिसने i20 कार चलाते हुए धमाका किया। डीएनए जांच में उसके शरीर के अवशेष उसकी मां और भाई के डीएनए से 100% मेल खाते हैं।
धमाके के कुछ घंटे पहले ही पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में दो मकानों से करीब 3000 किलो विस्फोटक बरामद किया था। माना जा रहा है कि इस कार्रवाी ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। इस मॉड्यूल में शामिल डॉ. मुजम्मिल शकील समेत तीन डॉक्टर फिलहाल हिरासत में हैं।
'व्हाइट-कॉलर' नेटवर्क का खुलासा
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह 'व्हाइट-कॉलर' यानी पढ़े-लिखे लोगों का नेटवर्क था जो कई शहरों में एक साथ धमाके करने की योजना बना रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह आतंक मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर में छह जगह धमाके करने की साजिश रच रहा था। तारीख चुनी गई थी 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी। पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि वे इस दिन को 'बदले के दिन' के रूप में चुनना चाहते थे।

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