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    भारत में 500 के बाद AQI रिपोर्ट क्यों नहीं होती, क्या है इसके पीछे का कारण?

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 05:51 PM (IST)

    दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर है। IQAir ने AQI 506 मापा, जबकि CPCB ने 399 बताया। SAFAR और SAMEER जैसे भारतीय सिस्टम 500 से ऊपर AQI नहीं दिखाते, क्योंकि राष्ट्रीय स्केल की सीमा है। AQI एक स्वास्थ्य उपकरण है, जो वायु गुणवत्ता बताता है। CPCB के अनुसार, आठ प्रदूषक AQI मापने में मदद करते हैं। भारत का AQI स्केल 500 पर सीमित है, क्योंकि माना जाता है कि इससे अधिक होने पर स्वास्थ्य पर प्रभाव समान होता है।

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    भारत में 500 के बाद AQI रिपोर्ट क्यों नहीं होती?

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्लीवाले इन दिनों सास लेने के लिए जूझ रहे है। शहर की हवा स्वस्थ लोगों को बीमार और बीमार को बहुत बीमार बनाने के लिए काफी है। एक तरफ जहां लोग घर से निकलने से पहले सोच रहे हैं वहीं एक ग्रुप जंतर-मंतर पर आजादी से सांस लेने के अपने हक की मांग कर रहा है।

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    इन सब के बीच स्विस एयर-क्वालिटी मॉनिटरिंग कंपनी IQAir ने बुधवार की सुबह 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) चौंका देने वाला 506 दिखाया। हालांकि, इंडिया के सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने इसे 399 से कम बताया, जो बहुत खराब कैटेगरी में आता है।

    अलग-अलग इंडेक्स पर उठ रहे सवाल 

    दो अलग-अलग इंडेक्स से यह सवाल उठता है कि ऑफिशियल AQI रीडिंग इंडिपेंडेंट मॉनिटर या उनके अपने डिवाइस से इतनी अलग क्यों होते हैं? आखिर किस पर यकीन किया जाए? असल में बात यह है कि दोनों ही रीडिंग सही हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से। आइये जानते हैं कैसे?

    भारत में हवा की गुणवत्ता मापने के लिए SAFAR (System of Air Quality and Weather Forecasting and Research) और SAMEER (Central Pollution Control Board का ऐप) जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता हैं। ये सिस्टम आमतौर पर 500 से ऊपर के AQI वैल्यू को नहीं दिखा पाते।

    इसकी वजह राष्ट्रीय AQI स्केल की सीमा है। भारत सरकार ने AQI मानकों को लगभग एक दशक पहले डिजाईन किया था, जब 'बहुत गंभीर प्रदूषण का मतलब 400–500 के बीच माना जाता था। इससे ऊपर कोई सीमा तय नहीं की गई थी।

    AQI क्या है?

    AQI एक पब्लिक हेल्थ टूल है जिसे आसान शब्दों में एयर पॉल्यूशन लेवल या हवा की क्वालिटी बताने के लिए डिजाईन किया गया है। CPCB के अनुसार इसमें आठ पॉल्यूटेंट आते हैं।

    • PM 10
    • PM2.5
    • ओजोन (O3)
    • सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)
    • नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2)
    • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
    • लेड (Pb)
    • अमोनिया (NH3)

    AQI अलग-अलग पैरामीटर पर आधारित एक कैलकुलेटेड इंडेक्स है। यह आम आदमी को एयर क्वालिटी समझने के लिए बनाया गया है।

    AQI की अलग-अलग कलर-कोडेड रेंज होती हैं, ताकि लोगों को बताया जा सके कि हवा अच्छी है या ठीक-ठाक या बहुत खराब है और ऐसे में लोगों को क्या करना चाहिए।

    उदाहरण के लिए, 401 और 500 के बीच या 'गंभीर' कैटेगरी में AQI, स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक है। ऐसे में निर्देश दिया जाता है कि लोगों को बाहर जाने या खुले में एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।

    कंसंट्रेशन बनाम AQI

    एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन अलग-अलग पॉल्यूटेंट्स के कंसंट्रेशन वैल्यू देते हैं। कंसंट्रेशन से AQI कैलकुलेशन किसी दिए गए दिन का AQI पिछले 24 घंटों के एयर क्वालिटी डेटा का इस्तेमाल करके कैलकुलेट किया जाता है।

    हर पॉल्यूटेंट का एवरेज कंसंट्रेशन कैलकुलेट किया जाता है और उनके सब-इंडेक्स बनाने के लिए एक फार्मूला में डाला जाता है। इन सब-इंडेक्स में से सबसे ज्यादा वाला ओवरऑल AQI तय करता है। उदाहरण के तौर पर अगर PM2.5 का सब-इंडेक्स 400 है और ओजोन का 300 है, तो AQI 400 होगा। '

    AQI कैलकुलेट करते समय आठ पॉल्यूटेंट्स पर विचार किया जाता है। भारत में, AQI निकालने के लिए कम से कम तीन पॉल्यूटेंट्स की कंसंट्रेशन वैल्यू ज़रूरी है, जिनमें से एक पार्टिकुलेट मैटर होना चाहिए।

    अलग-अलग इंडेक्सिंग पर WHO बनाम भारत 

    सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) 24 घंटे के एवरेज के लिए 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर PM2।5 को सुरक्षित मानता है। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (WHO) ने 15 माइक्रोग्राम की ज्यादा सख़्त लिमिट तय की है।

    लेकिन ये पॉल्यूटेंट कंसंट्रेशन वैल्यू हैं, AQI नहीं, इसलिए इनकी सीधे सरकार द्वारा जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स नंबरों से तुलना नहीं की जा सकती।

    भारत का AQI स्केल 500 पर लिमिट है। मतलब, 500 से ज्यादा AQI को 'गंभीर' कैटेगरी में रखा जाएगा, जो पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का संकेत है।

    CPCB AQI के अनुसार प्रदूषण के पैमाने  

    • 0-50 को 'अच्छा',
    • 51-100 को 'संतोषजनक'
    • 101-200 को 'मध्यम'
    • 201-300 को 'खराब'
    • 301-400 को 'बहुत खराब'
    • 401-500 के बीच को 'गंभीर'

    Source - केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट