Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंडमान निकोबार कमान में रक्षा मंत्री ने परखीं सैन्य तैयारी, एएनसी कमांडर से ली समग्र स्थिति की जानकारी

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 05 Jan 2023 10:26 PM (IST)

    जनवरी 2019 के बाद रक्षा मंत्री की इंदिरा प्वाइंट की यह पहली यात्रा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र से नजदीकी के कारण रक्षा मंत्री की अंडमान निकोबार कमान का यह दौरा सामरिक दृष्टि से तो अहम है ही इस दूरस्थ क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाने वाला भी है।

    Hero Image
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक नजरिये से बेहद अहम है राजनाथ सिंह का दौरा

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीन के साथ सैन्य तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को अंडमान निकोबार कमान (एएनसी) में सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे। रक्षा मंत्री ने अपनी दो दिवसीय इस यात्रा के दौरान एएनसी के कमांडर ले. जनरल अजय सिंह से सैन्य तैयारियों की समग्र स्थिति की जानकारी ली। सामरिक दृष्टि से अहम अपने इस दौरे में रक्षा मंत्री ने ग्रेटर निकोबार द्वीप में कैंपबेल बे यानी इंदिरा प्वाइंट में सैन्य निगरानी के ढांचे का भी जायजा लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंदिरा प्वाइंट की यह पहली यात्रा

    जनवरी 2019 के बाद रक्षा मंत्री की इंदिरा प्वाइंट की यह पहली यात्रा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र से नजदीकी के कारण रक्षा मंत्री की अंडमान निकोबार कमान का यह दौरा सामरिक दृष्टि से तो अहम है ही, इस दूरस्थ क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाने वाला भी है। यह दौरा इसलिए और भी अहम है, क्योंकि अंडमान निकोबार कमान एकमात्र एकीकृत क्वाड सर्विस कमान है। एएनसी को 21 साल पहले एकीकृत थियेटर कमान बनाया गया था। तब से यह सफलतापूर्वक थियेटर कमान के रूप में कार्य कर रही है।

    रक्षामंत्री के दौरे से लंबित मुद्दों को सुलझाने में मिलेगी मदद

    अब इसी तरह के एकीकृत थियेटर कमान को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की योजना बनाई गई है, जिसकी दिशा में काम चल रहा है। रक्षा मंत्री के इस दौरे से अंडमान और निकोबार प्रशासन को भी यह समझने में मदद मिलेगी कि यहां सैन्य तैयारियों के लिहाज से क्या आवश्यक है। खासकर नागरिक प्रशासन के साथ कुछ अहम मुद्दे पिछले कुछ समय से लंबित रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि रक्षामंत्री के इस दौरे से इन लंबित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी।

    इस एयरफील्ड का किया जा रहा है विस्तार

    गौरतलब है कि ग्रेटर निकोबार द्वीप में नौसेना का एयर स्टेशन आइएनएस बाज भी स्थित है। कैंपबेल बे में मौजूद एयरफील्ड के जरिये पूरे हिंद महासागर में निगरानी में मदद मिलती है। सैन्य सूत्रों के अनुसार इस एयरफील्ड का विस्तार किया जा रहा है, जिससे देश की रक्षा क्षमताएं कई गुना बढ़ जाएंगी। कैंपबेल बे को इंदिरा प्वाइंट भी कहा जाता है।

    यह इसलिए सामरिक नजरिये से बेहद अहम है, क्योंकि यह उस शिपिंग चैनल के करीब है जो सिंगापुर से पश्चिम की ओर जाता है। चीन का अस्सी प्रतिशत समुद्री व्यापार इसी क्षेत्र से होता है। इंडोनेशिया से केवल 166 नौटिकल मील दूर होने के कारण यह प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट नीति का महत्वपूर्ण अंग भी है। हाल के वर्षों में कैंपबेल बे भारत और पड़ोसी देशों के लिए एक अहम ट्रांस शिपमेंट हब भी बनता जा रहा है।

    यह भी पढ़ें- IPO Market 2023 नए साल में फिर रफ्तार पकड़ेगा प्राइमरी मार्केट, ओयो-स्विगी समेत 50 से अधिक कंपनियां कतार में

    यह भी पढ़ें- Fact Check: बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में इनाम को ठुकराने वाला यह एथलीट बांग्लादेशी है, भारत से जोड़कर फर्जी दावा वायरल

    comedy show banner