डीपफेक को रेगुलेट करने वाला बिल लोकसभा में पेश, विधेयक का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
लोकसभा में डीपफेक को नियंत्रित करने के लिए एक विधेयक प्रस्तुत किया गया है। इसका लक्ष्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और डीपफेक तकनीक के गलत उपयोग ...और पढ़ें

डीपफेक को रेगुलेट करने वाला बिल लोकसभा में पेश। (संसद टीवी)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डीपफेक पर अंकुश लगाने के मकसद से शिवसेना के नेता श्रीकांत शिंदे ने शुक्रवार को लोकसभा में इसे रेगुलेट करने का प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिसमें डीपफेक में चित्रित व्यक्तियों से पूर्व सहमति लेना अनिवार्य किया गया है।
शिंदे ने कहा- '' डीपफेक का इस्तेमाल कर उत्पीड़न, धोखाधड़ी और फेक न्यूज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके चलते डीपफेक को रेगुलेट करने की तत्काल आवश्यकता है।'' विधेयक में उन अपराधियों के लिए दंड और सजा का भी प्रविधान है जो दुर्भावनापूर्ण इरादे से डीपफेक का निर्माण या प्रसार करते हैं।
शिंदे ने विधेयक के उद्देश्यों और कारणों पर कहा- '' आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डीप लर्निंग का इस्तेमाल शिक्षा, मनोरंजन और रचनात्मक क्षेत्र में लाभकारी है मगर प्रगति के साथ डीपफेक तकनीक मीडिया मैनिप्यूलेशन के लिए एक महत्वपूर्ण टूल्स के रूप में उभरी है।"
प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य भारत में डीपफेक के निर्माण, वितरण और उपयोग को नियंत्रित करने के लिए एक स्पष्ट कानून बनाना है। इसमें डीपफेक टास्क फोर्स की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो शैक्षणिक और निजी क्षेत्र के संस्थानों के साथ मिलकर हेरफेर की गई सामग्री का पता लगाने में मदद करेगा।
इस बिल में एडवांस्ड इमेज मैनिपुलेशन का पता लगाने और उसे रोकने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की पहलों का समर्थन करने को एक कोष स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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