Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छत्तीसगढ़ में कोरोना से ज्यादा सांपों के काटने से मौत, क्वारंटाइन सेंटर में फिर एक महिला की सर्पदंश से मृत्यु

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 30 May 2020 10:48 PM (IST)

    अब तक छत्तीसगढ़ क्वारंटाइन सेंटरों में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे अधिक मौत सांप काटने से हुई है।

    छत्तीसगढ़ में कोरोना से ज्यादा सांपों के काटने से मौत, क्वारंटाइन सेंटर में फिर एक महिला की सर्पदंश से मृत्यु

    रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में क्वारंटाइन सेंटरों में कोराना से बड़ा खौफ बने करैत (जहरीला सांप) का कहर जारी है। राज्य में कोरोना से तो अभी तक एक ही मौत हुई है लेकिन क्वारंटाइन सेंटरों में मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। जांजगीर चांपा जिले के ग्राम पंचायत बुड़गहन के क्वारंटाइन सेंटर में जमीन पर सो रही महिला को सांप ने डस लिया। उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानकारी के अनुसार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अहमदाबाद से आई पामगढ़ की जवाबाई (42) पत्नी रामफल सूर्यवंशी को बुड़गहन के क्वारंटाइन सेंटर में रह रही थी। शुक्रवार की रात भोजन करने के बाद महिला जमीन पर सो गई। रात में बारिश व आंधी तूफान के कारण सेंटर की बिजली गुल हो गई।

    अस्पताल में महिला की हुई मौत

    रात 12 बजे के करीब महिला को कुछ काटने का अहसास हुआ। उसने इसकी जानकारी बगल में सो रहे मजदूरों को दी। मोबाइल की लाइट जलाकर देखा तो सेंटर के भीतर एक बड़ा सा करैत सांप घूम रहा था। बाद में उसे मार दिया गया। महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

    अभी तक राज्य के क्वारंटाइन सेंटरों में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे अधिक मौत सांप काटने से हुई है। लगातार सांप काटने की घटनाओं के बाद भी क्वारंटाइन सेंटरों में चारपाई या तखत की व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। ग्रामीण टेंट हाउस की चारपाई की मांग कर रहे हैं।

    गौरतलब है कि यहां मानसून आने के पूर्व ही नवतपा में बारिश होते ही बिल में छिपे विषैले जीव-जंतुओं का निकलना शुरू हो जाता है। खास कर सरगुजा, बलरामपुर व सूरजपुर जिले में विषैले करैत सांप बिल से बाहर निकल आते हैं। अंधेरा इस सांप को पसंद है, इस कारण बगैर किसी शोर व आवाज के घर में प्रवेश करता है और जमीन में सोए लोगों को एहसास भी नहीं होता और दंश मारकर चला जाता है।