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    दिवस विशेष: आज दिन और रात होंगे बराबर, 23 सितंबर के बाद दिन छोटे और रातें लंबी

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 22 Sep 2020 06:59 PM (IST)

    21 मार्च और 23 सितंबर को पृथ्वी की भूमध्य रेखा बिल्कुल सूर्य के सामने पड़ती है जिससे दिन और रात बराबर हो जाते हैं। इसके बाद सर्दियों के आने की आहट शुरू हो जाती है। दिन छोटे जबकि रातें लंबी होती हैं।

    21 मार्च और 23 सितंबर को पृथ्वी की भूमध्य रेखा बिल्कुल सूर्य के सामने पड़ती है। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, कानपुर। आज 23 सितंबर को दिन और रात बराबर हो जाएंगे। दोनों का समय 12-12 घंटे का होगा। इसके बाद से दिन छोटे और रातें लंबी होनी शुरू हो जाएंगी। यही स्थिति 21 मार्च को भी होती है। तब दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं।

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    ब्रह्मांड में सूर्य अपने निर्धारित कक्ष में चक्कर लगाता है। इसकी दिशा उत्तर से दक्षिण रहती है। अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगा रही है। 21 मार्च और 23 सितंबर को पृथ्वी की भूमध्य रेखा बिल्कुल सूर्य के सामने पड़ती है, जिससे दिन और रात बराबर हो जाते हैं। इसके बाद सर्दियों के आने की आहट शुरू हो जाती है। दिन छोटे जबकि रातें लंबी होती हैं। 21 मार्च के बाद से गर्मी दस्तक देती है। दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं।

    इस तरह बदलता मौसम

    चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि 23 सितंबर को जब सूर्य दक्षिणी गोला‌र्द्ध में प्रवेश करता है तो पृथ्वी का मौसम बदल जाता है। इसके पीछे सूर्य और पृथ्वी का सौरमंडल में रोटेशन (नियमित आवर्तन) कारण है। सूर्य की किरणें पृथ्वी पर तिरछी पड़ती हैं। यही वजह है कि 23 सितंबर के बाद गुलाबी ठंडक पड़ने लगती है।

    22 दिसंबर और 21 जून का महत्व

    22 दिसंबर और 21 जून की तारीख भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 21 जून को दक्षिणी ध्रुव सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर रहता है। सूर्य की अधिकतम दूरी के कारण सबसे बड़ा दिन होता है, लेकिन इसके विपरीत 22 दिसंबर के दिन सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण की ओर रहता है, जिससे 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होती है।

    लैटिन भाषा में कहते इक्वीनॉक्स

    23 सितंबर और 21 मार्च के दिन को लैटिन भाषा में इक्वीनॉक्स कहते हैं। इक्वी का मतलब समान और नॉक्स का अर्थ रात होता है।