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बेटी से दुष्कर्म करने वाले को बिना किसी छूट के 20 साल की सजा; SC ने कहा, रिश्ते की पवित्रता हुई नष्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि व्यक्ति के भ्रष्ट और विनाशकारी कृत्यों से रिश्ते की पवित्रता नष्ट हुई है। यहां की एक विशेष फास्ट ट्रैक अदालत ने 2013 में उस व्यक्ति को आइपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) 377 (अप्राकृतिक अपराध) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया था।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Wed, 26 Apr 2023 11:03 PM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2023 11:03 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, भ्रष्ट कृत्यों से रिश्ते की पवित्रता नष्ट हुई।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नौ साल की बेटी से दुष्कर्म के दोषी एक व्यक्ति को बिना किसी छूट के 20 साल जेल की सजा सुनाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके भ्रष्ट और विनाशकारी कृत्यों से रिश्ते की पवित्रता नष्ट हुई है। यहां की एक विशेष फास्ट ट्रैक अदालत ने 2013 में उस व्यक्ति को आइपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक अपराध) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया था और जुर्माने के साथ 20 साल की न्यूनतम अवधि के आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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व्यक्ति को सबसे 'भद्दे और भयानक' अपराध का दोषी पाया गया: SC

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 में इस व्यक्ति की दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद इस व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इस व्यक्ति को सबसे 'भद्दे और भयानक' अपराध का दोषी पाया गया है।

इस व्यक्ति ने अपनी ही बेटी का शारीरिक शोषण किया, जो युवावस्था की दहलीज पर भी नहीं थी। पीठ ने कहा कि अगर यह व्यक्ति सिर्फ 14 साल जेल में बिताने के बाद रिहा कर दिया जाता है, तो वह अपनी बेटी के जीवन में फिर से प्रवेश कर सकता है। इस समय उसकी बेटी युवावस्था में है। बेटी के जीवन में इसका फिर से प्रवेश उसे आघात पहुंचा सकता है और उसके जीवन को कठिन बना सकता है।


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